shakun shastra : हमारे वातावरण की प्रत्येक वस्तु किसी न किसी रूप में हमें प्रभावित करती है। कुछ प्रभाव ऐसे होते हैं कि जिनका प्रभाव हमारी जिंदगी में नये आयाम खोलता है। इसी के साथ कुछ प्रभाव तो हमारी जिंदगी का दिशा ही बदल देंते है। प्रचीन काल से ही हमारे ऋषियों ने इन बातों को ध्यान में रख कर शुभ -अशुभ परिणाम प्रदान करने वाली चीजों के लक्षणों पता लगाया। शुभ -अशुभ और शकुन -अपशकुन के प्रश्न पर पौराणिक ग्रंथ शकुन शास्त्र में बहुत विस्तृत व्यख्या मिलती है।
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शकुन शास्त्र में कई ऐसे शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में बताया गया है जो हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास कराती हैं। हमें सचेत करती है। हमारा मार्गदर्शन करती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वराह संहिता में शकुन और अपशकुनों के बारे में बताया गया है। हिन्दू संस्कृति में शकुन शास्त्र का बहुत व्यापक प्रभाव है और यह एक प्रकार से अनुभूत विद्या है। आईये जानतें है जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही शुभ एवं अशुभ- शकुन के बारे में।
1.छींक को प्राय: अशुभ माना जाता है, लेकिन ज्योतिष तथा पौराणिक शास्त्रों के अनुसार छींक बहुत शुभ मानी जाती है। शुभ कार्य के लिए गमन के समय यदि कोई छींक मार दे तो अपशकुन होता है, ऐसा कहा जाता है।
2.दवाई का सेवन करते समय यदि छींक आए और औषधि गिर जाए तो रोग का निवारण शीघ्र होता है तथा बीमार व्यक्ति शीघ्र ही अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है।
3.महामारी, दुर्भिक्ष या भूकम्प की सूचना पर यदि जीव-जंतु तथा मनुष्य छींक दे तो अनिष्ट के दूर होने की संभावना रहती है।
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4.गृहप्रवेश, पूजा-पाठ, अनुष्ठान के आरम्भ होते समय आपको या फिर किसी को छींक आए तो उसे अशुभ समझना चाहिए और भगवान से मंगलकामना करके अपनी पूजा को आगे बढ़ाना चाहिए।
5.यदि घर से निकलते समय किसी की एक साथ दो छींक सुनाई देती है तो इसे शुभ मानना चाहिए।