Shakun Shastra : सावन मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान शिव के गले में सर्प लिपटा रहता है। शिव भक्त सांप की पूजा अर्चना करते है। सांपों का संबंध भगवान शिव से माना जाता है। सनातन धर्म में सांप की पूजा और दूध पिलाने परंपरा है। नाग पंचमी के दिन सर्प की पूजा होती है। योग में कुंडलिनी कुंडलित सांप का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं में, पाताल लोक में नाग लोक हैं । सांपों का एक पूरा समाज, बल्कि मनुष्य जो सांप वंश से संबंधित हैं। उन्हें नागा के रूप में जाना जाता है। ऋषि कश्यप और कद्रू के घर जन्मे शेषनाग भगवान विष्णु के प्रबल भक्त थे । शकुन शास्त्र में शकुन अपशकुन के विचार पर विशेष रूप से बताया गया है। आइये जानते है सांप के शुभ शकुन के बारे में।
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1.सांप के रास्ता काटने का भी शुभ अपशगुन होता है। माना जाता है कि किसी महत्वपूर्ण कार्य से जा रहे हों और रास्ते में दाएं से बाएं रास्ता काटते हुए सांप दिख जाए तो यह अच्छा शगुन होता है।
2.मंदिर में या शिवलिंग पर लिपटा हुआ दिखे तो अच्छा होता है।
3.मरा हुआ सांप देखना अच्छा शगुन नहीं होता है।
4.पेड़ पर चढ़ता हुआ सांप देखना शुभ शगुन मानना चाहिए।
5.सफेद सांप दिखना दुर्लभ है। लेकिन अगर आपको दिख जाए तो यह बड़ा ही अच्छा शगुन होता है।