Shiva Sawan Rudraksha : हिंदू धर्म में शिव भक्त बाबा का नाम जपने का अवसर ढूढ़ते है। सावन माह भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में शिव भक्त टोली बनाकर , बाबा के धाम में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते है। पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि सावन माह में भगवान शिव की प्रिय वस्तुओं को धारण करने से उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू की बूंदों से हुई है।शैव परंपरा में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना गया है। शिव भक्त इसे अपनी सुरक्षा कवच के तौर धारण करते हैं। इसे धारण करने से पहले इसका विधि-विधान से पूजन और ॐ नमः शिवाय का मंत्र जाप किया जाता है सावन मास में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है। सावन में एक से लेकर बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का अपना अलग महत्व है। रुद्राक्ष धारण करने के लिए एसे विधिवत अभिमंत्रित करना चाहिए। आइये जानते है रुद्राक्ष धारण करने की विधि के बारे में।
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1.फिर पंचामृत (दूध-दही-शहद-घी-गंगाजल) के मिश्रण से स्नान कराने के बाद अंत में गंगाजल से स्नान कराये।
2. घर के पूजा स्थल या किसी शिव मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाकर बैठे।
3.अष्टगंध या चंदन से तिलक कर तीन मुखी रुद्राक्ष को पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर अपने सामने रखें।
4.हाथ में थोडा जल लेकर संकल्प लें– हे त्रिदेव मैं (अपना नाम और गोत्र बोले) भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्ति हेतु व मनवांछित फल की प्राप्ति हेतू इस रुद्राक्ष को अभिमंत्रित कर रहा हूं, यह मेरे कार्यों में मुझे पूर्णता प्रदान करें, ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दें।