Sita Navami 2022 : हिंदू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता सीता को आराध्य माना जाता है।भक्त गण भगवान राम और माता सीता के जन्म दिवस पर इनका जन्मोत्सव मनाते है। धार्मिक मान्यता है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता प्रकट हुई थीं। इसलिए हर साल इस दिन को जानकी नवमी, सीता नवमी, सीता जयंती के रूप में मानते हैं। विवाहित महिलाएं सीता नवमी के दिन व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
पढ़ें :- Tulsi Vivah 2024 : तुलसी विवाह के दिन करें ये उपाय , दूर होती है पैसों से जुड़ी परेशानी
वैशाख शुक्ल पक्ष नवमी तिथि प्रारंभ: 09 मई 2022, सोमवार 06:32 PM
वैशाख शुक्ल पक्ष नवमी तिथि समाप्त: 10 मई 2022, मंगलवार 07:24 PM
सीता जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र में माता सीता का जन्म हुआ था। देवी सीता का विवाह भगवान राम से हुआ था, जिनका जन्म भी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को हुआ था। हिंदू कैलेंडर में सीता जयंती रामनवमी के एक महीने के बाद आती है।
माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह मिथिला के राजा जनक की दत्तक पुत्री थीं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब राजा जनक यज्ञ करने के लिए भूमि की जुताई कर रहे थे, तो उन्हें सोने के ताबूत में एक बच्ची मिली। जमीन जोतते समय खेत के अंदर सोने का ताबूत मिला था। एक जुताई वाली भूमि को सीता कहा जाता है इसलिए राजा जनक ने बच्ची का नाम सीता रखा।