Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Sovereign Gold Bond : सरकार बेच रही है सस्ता सोना, SBI ने भी बताएं इसके 6 फायदे

Sovereign Gold Bond : सरकार बेच रही है सस्ता सोना, SBI ने भी बताएं इसके 6 फायदे

By संतोष सिंह 
Updated Date

Sovereign Gold Bond : केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड (Sovereign Gold Bond) की पहली सीरीज को जारी कर चुकी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इसके विषय में 6 बड़ी बातें बताई हैं।

पढ़ें :- Loksabha Election 2024: सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को फतेहपुर से बनाया प्रत्याशी, कल करेंगे नामांकन

इन्हें मिलेगी 500 रुपये की छूट

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड की कीमत 5091 रुपये प्रति दस ग्राम तय किया है। लेकिन अगर आप ऑनलाइन इसकी खरीदारी करते हैं तो आपको प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। यानी अगर कोई दस ग्राम की खरीदारी करता है तो उसे 500 रुपये की छूट मिलेगी।

SBI ने बताई ये बातें

एश्योर्ड रिटर्न- सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड के निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी की सालाना दर से ब्‍याज मिलेगा। यह ब्‍याज छमाही आधार पर मिलेगा।

पढ़ें :- ये मोहब्बत की दुकान लेकर निकले थे लेकिन इन्होंने फेक वीडियो का कारोबार खोल दिया...विपक्ष पर पीएम मोदी का निशाना

कैपिटल गेन टैक्स से छूट- रिडम्पशन पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा।

लोन सुविधा – लोन के लिए कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

स्टोरेज की कोई समस्या नहीं- सुरक्षित, फिजिकल गोल्ड की तरह स्टोरेज की कोई परेशानी नहीं है।

लिक्विडिटी- एक्सचेंजों पर ट्रेड कर सकते हैं।

जीएसटी, मेकिंग चार्जेज से मुक्ति- फिजिकल गोल्ड के विपरीत कोई जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगता है।

पढ़ें :- RBI के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव की जब विदेश में लगी लॉटरी, पर मेरे जीतने का चांस था जीरो

कहां से खरीद सकेंगे साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड 

साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड (SGB) स्कीम को किसी भी काॅमर्शियल बैंक या पोस्ट ऑफिस से खरीदा जा सकता है। बता दें, साॅवरेन गोल्ड बाॅन्ड में शुक्रवार यानी 24 जून 2022 तक निवेश किया जा सकता है। किसी निवेशक को तीन फाॅर्म भरने होते हैं। पहले फाॅर्म में अपनी पर्सनल जानकारी, दूसरा फाॅर्म में Acknowledgement और तीसरा फाॅर्म में नाॅमिनेशन भरना होता है। इसके अलावा केवाईसी भी जरूरी होता है। इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी।

Advertisement