लखनऊ। वाराणसी जिले में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) पर विवादित टिप्पणी करने वाले हिन्दी विभाग के प्रो. रविकांत चंदन (Professor Ravikant) को लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के समाजवादी छात्र सभा इकाई के अध्यक्ष कार्तिक पाण्डेय ने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद प्रोफेसर रविकांत (Professor Ravikant) को थप्पड़ जड़ने वाले छात्र नेता कार्तिक पांडेय को हसनगंज पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
पढ़ें :- योगी के मंत्री मनोहर लाल के काफिले पर अटैक, सुरक्षाकर्मी और स्टाफ को पीटा, पिस्टल भी लूटी
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए समाजवादी छात्र सभा (Samajwadi Chhatra Sabha) के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) इकाई के अध्यक्ष कार्तिक पांडेय को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया है। बता दें कि कार्तिक पांडे पर प्रोफेसर रविकांत (Professor Ravikant) के साथ मारपीट का आरोप है।
समाजवादी छात्र सभा (Samajwadi Chhatra Sabha) के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी ने अपने चरित्र के अनुसार कार्य किया है। छात्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी संकट के समय पर अपने हर नेता का साथ छोड़ देती है। सपा सूत्रों का कहना है कि वह पार्टी लाइन से हटकर कार्य किया है। इसलिए उन पर कार्रवाई की गई है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान देने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रविकांत से एक छात्र नेता ने प्रॉक्टर ऑफिस के सामने ही हाथापाई की है। इस दौरान उसने डॉ रविकांत को कई थप्पड़ जड़ दिए। बता दें कि प्रो. रविकांत ने पहले ही पुलिस में तहरीर देकर जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया था। उन्होंने थप्पड़ मारने वाले छात्र का नाम कार्तिक पांडेय बताया है।
पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : अखिलेश यादव ,बोले - ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही, ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का मामला
उन्होंने बताया कि दोपहर एक बजे वह न्यू लॉ में अपनी क्लास लेने जा रहे थे। तभी वह छात्र नेता आया उनका रास्ता रोका और मारने लगा। प्रो. रविकांत ने बताया कि वह सामने आया तो ऐसे नहीं लग रहा था कि हमला करेगा। पहले वह नमस्कार की मुद्रा में नीचे झुका और उसके तुरंत बाद उसने हमला कर दिया। प्रो.रविकांत के साथ दो गार्ड भी थे वह भी स्थिति का अंदाजा नहीं लगा पाए। बाद में दोनों गार्ड ने हमला करने वाले छात्र को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की । इस कारण उन पर यह हमले हो रहे हैं। बता दें कि सुबह लखनऊ विश्वविद्यालय में कई जगह पोस्टर लगे मिले, जिस पर लिखा था कि बाबा काशी विश्वनाथ एवं साधु संतों पर अभद्र टिप्पणी करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर पर कार्यवाही कब?