Surendra Singh Jeevan Parichay: नाम सुरेन्द्र नाथ सिंह (Surendra Nath Singh) पद 363 बैरिया विधानसभा विधायक जिला बलिया (Bairia Assembly MLA District Ballia) ये उनकी एक छोटी सी पहचान है। आज शायद ही उत्तर प्रदेश, बिहार की राजनीति में रुचि (Interested in politics) लेने वाला कोई व्यक्ति हो जो सुरेंद्र सिंह को ना जानता हो। इस बात में कोई दो राय नहीं कि इन राज्यों से बाहर भी अगर कोई जान रहा हो तो इसमे हैरान होने वाली कोई बात नहीं। मीडिया में अपने बेबाक वक्ता की छवि से ये हमेशा एक खास जगह बनाये हुए हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हो, प्रियंका हो या स्वंय सोनिया गांधी हो इनपर भी किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने में सुरेंद्र कही भी हिचकिचाते नहीं हैं। जंनसंख्या नियंत्रण (Population control) से लेकर के देश के अल्पसंख्यकों ( Minorities) के लिए देश में क्या नया कानून बने इन सभी मुद्दों पर ढ़ेर सारी राय सुरेंद्र सिंह की दिमाग रुपी तिजोरी में बंद है।
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जीवन परिचय
1 अक्टूबर 1962 को सुरेंद्र सिंह का जन्म बलिया जिले के गांव चांदपुर,बैरिया(द्वाबा) में हुआ। इनके पिता का नाम स्व रामनारायण सिंह है। हिन्दू धर्म के क्षत्रिय कुल में जन्में सुरेंद्र की छवि भी हिन्दूवादी नेता की ही है। सुरेंद्र की प्रारम्भिक शिक्षा,माध्यमिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा गांव के आस—पास के स्कूलों से संपन्न हुई है। इसके बाद स्नोतकर,बीएड और एमएड जैसी महत्वपूर्ण डिग्रियां भी इनके पास हैं। सुरेंद्र सिंह काफी बुजूर्ग हैं ये अपने क्षेत्र के एक माध्यमिक स्कूल में शिक्षक भी हैं। ये माध्यमिक शिक्षण संघ के एक वर्ष तक उपाध्यक्ष भी रहें और कर्मचारी शिक्षण संघ समिति के पांच सालों तक सदस्य भी रहे। सुरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी का नाम जयमाला सिंह है। इन दोनो से एक पुत्र और सुरेंद्र सिंह की दो पुत्रियां भी हैं।
ये है पूरा सफरनामा…
पिता का नाम – स्व0 रामनारायण सिंह
जन्म तिथि – 1 अक्टूबर,1962
जन्म स्थान – चाँदपुर, बैरिया
धर्म – हिन्दू
जाति – क्षत्रिय
शिक्षा – स्नातकोत्तर, बी0एड0 एवं एम0एड0
विवाह तिथि – 17 जुलाई, 1986
पत्नी का नाम – जयमाला सिंह
सन्तान – एक पुत्र, दो पुत्रियाँ
व्यवसाय – अध्यापन
मुख्यावास ग्राम-चाँदपुर, पोस्ट बैरिया, जनपद- बलिया, उ0प्र0
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राजनीतिक सफर
शुरु से ही आरएसएस(RSS) की विचारधारा से प्रेरित रहे सुरेंद्र सतरहवीं विधानसभा में बलिया जिले के बैरिया विधानसभा से विधायक हैं। ये 10 सालों तक संघ के जिला कार्यवाहक भी रहें। बलिया जिले के बैरिया विधानसभा से भाजपा की टिकट पर 2017 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े सुरेंद्र पहली ही बार में जीत दर्ज कर विधानसदन की तरफ रुख का दिये। आपको बता दें कि विपक्ष तो खैर है ही विपक्ष ये किसी मुद्दे पर अपनी पार्टी से राय ना मिलने पर कई बार ये भाजपा के खिलाफ भी खड़े नजर आये हैं। अपने जुझारु स्वभाव के कारण जानें जाने वाले सुरेंद्र सिंह एक अलग ही मिजाज के नेता है। जिसे हरफनमौला (All-rounder)कहा जा सकता है।
विवादों से गहरा नाता
हिन्दूवादी छवि के साथ साथ ये एक तेजतर्रार वक्ता भी हैं। किसी भी तरह से विपक्ष पर चाहे किसी भी शब्द का प्रयोग करना हो विरोध के लिए ऐसे वाक्यों से लागातार हमलावर रहने वाले सुरेंद्र सिंह के लिए विवादें तो सगे भाई—बहन की तरह हैं। सुरेंद्र सिंह ने अपने क्षेत्र में तैनात एक अधिकारी को स्वंय अपने हांथो से पीटा था। ये इनका एक अलग ही रुप जिले का नौकरशाह देख चुका है। बलिया में हुए चर्चित दुर्जनपुर कांड(Durjanpur incident in Ballia) से सुरेंद्र अपनी विरादरी से संबंध रखने वाले आरोपी धीरेंद्र सिंह के पक्ष में खुल कर आ जानें के लिए भी काफी बदनाम हुए। इस दौरान तो इन्होंने इतना तक कह दिया था कि क्या सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव(SP National President Akhilesh Yadav) अगर यादवों का समर्थन करते हैं तो क्या मैं राजपूतों (Rajputs)का साथ नहीं दे सकता। ऐसे है बैरिया विधायक। इनके विवादित बयानों की लिस्ट बड़ी लंबी है।