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स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से बढ़ा सियासी पारा, ट्वीट कर लिखा-कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर…

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। रामचरित मानस को लेकर टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान प्रदेश के सियासी माहौल का गर्म कर रहा है। हर दिन वो किसी ने किसी विषय पर सरकार पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं।

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शनिवार को उन्होंने एक बार फिर से ट्वीट कर ​निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि, कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि ‘मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ यह मेरे बस में नहीं था, किंतु मैं हिंदू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।’ फलस्वरूप सन 1956 में नागपुर दीक्षाभूमि पर 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया।

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इसके साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि, तत्कालीन उपप्रधानमंत्री, बाबू जगजीवन राम द्वारा उद्घाटित संपूर्णानंद मूर्ति का गंगा जल से धोना, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिक्तोपरांत मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोना व राष्ट्रपति कोविंद जी को सीकर ब्रह्मामंदिर में प्रवेश न देना शूद्र होने का अपमान नहीं तो क्या?

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