तेहरान। ईरान में शुक्रवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सैयद इब्राहिम रायसी नये राष्ट्रपति चुन लिये गये हैं। सरकारी मीडिया ने बताया कि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी ने शनिवार को अपनी हार मान ली है।
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न्यायपालिका प्रमुख रायसी को सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी का समर्थन प्राप्त था। वह निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे। रूढ़िवादी नेता माने जाने वाले श्री रायसी जनमत सर्वेक्षणों में भी आगे थे। सेंट्रल बैंक के पूर्व प्रमुख अब्दोलनासर हेम्मती ने परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही श्री रायसी को बधाई दे दी है।
गृह मंत्रालय ने बताया कि 13वें राष्ट्रपति चुनाव में 90 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है। शुरुआती गिनती से पता चलता है कि 17 करोड़ 80 लाख से अधिक लोगों ने श्री रायसी को वोट दिया था। श्री रायसी ने भ्रष्टाचार और गरीबी से लड़ने का वादा किया है।
उन्होंने संकेत दिया है कि वह 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने पर अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत जारी रखेंगे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है। वह ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाने का आह्वान करेंगे। रूहानी प्रशासन द्वारा किए गए समझौते का ईरान की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा था, लेकिन 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने समझौते से हाथ खींचने के साथ ही प्रतिबंध लगा दिये, जिससे ईरान में महंगाई में इजाफा हुआ, मुद्रा की कीमत गिरी और बेरोजगारी भी बहुत बढ़ गयी।
इस बीच, निवर्तमान राष्ट्रपति रूहानी ने निर्वाचित राष्ट्रपति की सफलता की कामना की है। उन्होंने शुक्रवार के राष्ट्रपति चुनाव में ईरानी मतदाताओं के बड़े पैमाने पर भागीदारी के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि मतदान ने दुश्मनों और बुरा चाहने वालों को निराश किया है।