नई दिल्ली। अमेरिका और कनाडा के बाद अब सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात ने 12 से 15 साल के बच्चों को टीकाकरण कराने को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब बच्चों फाइजर-बायोनटेक की कोरोना वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा। इसके अलावा यूरोपियन मेडिकल एजेंसी बच्चों को फाइजर की वैक्सीन दिए जाने पर विचार कर रही है। यह फैसला ऐसे वक्त लिया गया है, जब बीते साल की तुलना में इस साल कोरोना संक्रमण बच्चों में भी तेजी से फैलता दिख रहा है।
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भारत में भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए कहर साबित हो सकती है। भारत में अभी तक बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है।
सिंगापुर में फाइजर की वैक्सीन अभी तक सिर्फ 16 साल या उससे ज्यादा के किशोरों को दी जा रही थी। हाल के कुछ हफ्तों में सिंगापुर के स्कूली छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद सिंगापुर ने स्कूल बंद करने का ऐलान किया। हालांकि, अधिकांश केस या तो कम लक्षण वाले थे या फिर बिना लक्षण के लेकिन संक्रमण उन बच्चों में ज्यादा फैला, जो ट्यूशन सेंटर जाते हैं।
सिंगापुर ने फाइज़र की वैक्सीन को सबसे ज्यादा असरदार होने के दावों की वजह से मंजूरी दी है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 12 से 15 साल के बच्चों में फाइजर की वैक्सीन 100 फीसदी तक असरदार रही है, इसलिए इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जा रही है। यूएई ने भी 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। दरअसल, यूएई अगले सत्र से स्कूल खोलने की तैयारी में है।
खलीज टाइम्स ने यूएई के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता के हवाले से लिखा कि बच्चों में कम संक्रमण के मामले होने के बावजूद टीकाकरण बहुत जरूरी है क्योंकि बच्चों को अगले साल स्कूल जाकर पढ़ाई करनी ही है।
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भारत में टीकाकरण कब से शुरू होगा, इस पर अभी तक कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है?
कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 2 से 18 साल के बच्चों के लिए दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। यह परीक्षण अगले 10 से 12 दिनों में शुरू हो सकता है। हालांकि, टीकाकरण कबसे शुरू होगा, इस पर अभी तक कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है?