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फूलन देवी को किडनैप करने वाले डाकू छेदा सिंह की मौत, 24 साल बाद चढ़ा था यूपी पुलिस के हत्थे

By संतोष सिंह 
Updated Date

चित्रकूट। चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय बनने से लेकर देश की संसद तक सफर तय करने वाली दस्‍यु सुंदरी (Bandt Queen) फूलन देवी के अपहरण के आरोपी रहे छेदा सिंह (Chheda Singh) की बीते सोमवार को मौत हो गई है। बता दें कि एक जमाने में छेदा सिंह की बीहड़ों में तूती बोलती थी। वह इतना शातिर था कि 24 साल तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।

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बता दें कि वह 1981 में हुए फुलन देवी के अपहरण में शामिल था। हाल की में यूपी पुलिस ने 24 साल बाद उसे गिरफ्तार किया था। उस वक्‍त उस पर 50 हजार रुपए का इनाम था। 27 जून को इटावा जेल में दाखिल किए जाने के बाद छेदा सिंह की तबि‍यत खराब हो गई थी। इसके बाद उसे सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया था।

डाक्‍टरों के अनुसार उसे टीबी की बीमारी थी। सोमवार की शाम इलाज के दौरान सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी (Saifai Medical University) में ही उसकी मौत हो गई। औरैया जिले के थाना अयाना के गांव भातौन के रहने वाले 69 वर्षीय छेदा सिंह को 26 जून, 2022 को चित्रकूट से गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन वह जिला जेल में दाखिल हुआ था। कुख्यात डकैत विक्रम मल्लाह के ठिकाने से फूलन देवी का अपहरण हुआ था जिसमें छेदा सिंह भी शामिल था। लालाराम गैंग द्वारा फूलन देवी का अपहरण किया गया था। गैंग के चंगुल से छूटने के बाद फूलन देवी ने बेहमई नरसंहार को अंजाम दिया था।

वह चित्रकूट में बाबा के भेष में रह रहा था। छेदा ने पुलिस को फूलन देवी के अपहरण से लेकर बेहमई नरसंहार तक की पूरी कहानी बताई थी। छेदा बढ़ती उम्र के साथ टीबी की बीमारी से भी जूझ रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसे 27 जून को सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया सोमवार देर शाम छेदा सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई।

साधु बन मठ में रहता था छेदा सिंह

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वह साधु वेष में चित्रकूट के एक मठ में छिपकर लम्‍बे समय तक रहा था। छेदा सिंह (Chheda Singh)  पर 1981 में बेहमई कांड (Behmai case) से पहले विक्रम मल्‍लाह के ठिकाने से फूलन देवी का अपहरण करने का आरोप लगा था। वह अपहरण करने वाले डकैतों में शामिल था।

बदल लिया था  हुलिया
छेदा सिंह (Chheda Singh)  हुलिया बदलकर चित्रकूट में रहने लगा था। छेदा सिंह ने अपने आप को कागजों मे मार दिया है। हालांकि परिवार के दावों पर पुलिस यकीन नहीं करती थी। 24 साल बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

लालाराम गैंग खत्म होने के बाद धीरे-धीरे गैंग समाप्त होने लगा था। तब छेदा सिंह ने भी अपना नाम और हुलिया बदला और चित्रकूट में रहने लगा। चित्रकूट में पहले वह काशी घाट में रहता था। पिछले 10 वर्षों से जानकी कुंड के आराधना आश्रम में सेवादार बना हुआ था। डाकू छेदा सिंह के खिलाफ अलग-अलग थानों में 21 मुकदमे दर्ज थे।

बृजमोहन दास के नाम से सतना में रहता था छेदा सिंह
पुलिस के मुताबिक उसके पास बृजमोहन दास, चित्रकूट के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड बरामद हुए थे। छेदा सिंह पर चंबल इलाके में कुख्यात लालाराम गैंग के लिए अपहरण उद्योग भी चलाने का भी आरोप है। छेदा सिंह (Chheda Singh)  सतना में बृजमोहन दास महाराज के नाम से रह रहा था। वह वहां भगवद् आश्रम में रहता था। इस समय उसकी उम्र करीब 69 साल हो गई थी। छेदा सिंह (Chheda Singh)  ने शादी नहीं की थी। बताते हैं कि 20 साल की उम्र में अपने घर से भाग गया था।

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