लंदन। पहली बार भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट में ब्रिटेन में मिले अल्फा वैरिएंट की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम दोगुना है, लेकिन फाइजर और एस्ट्राजेनेका के टीके इससे अच्छी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। अध्ययन में पाया गया कि फाइजर वैक्सीन ने दूसरी खुराक के दो हफ्ते बाद अल्फा वैरिएंट के खिलाफ 92 प्रतिशत और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 79 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की।
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शोधकर्ताओं ने कहा कि फाइजर के मुकाबले एस्ट्राजेनेका के टीके ने डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 60 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की, जबकि अल्फा वैरिएंट ने 73 प्रतिशत। उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक दोने के टीके कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और डेल्टा वैरिएंट वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम करने में प्रभावी हैं।