नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर माह में चतुर्थी तिथि दो बार आती है। एक चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में दूसरी कृष्ण पक्ष में, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन गणेश भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति विनायक चतुर्थी का व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु की कृपा से उनको सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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चैत्र, शुक्ल पक्ष चतुर्थी प्रारम्भ
- 15 अप्रैल को दोपहर बाद 03:27 बजे
- समाप्त: 16 अप्रैल को दोपहर बाद 06:05 बजे
- विनायक चतुर्थी 2021 पूजा शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- 17 अप्रैल को सुबह 04:14 से 04:59 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त- 11:43 एएम से दोपहर बाद 12:34 तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर बाद 02:17 बजे से शाम 03:08 तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:20 बजे से शाम 06:44 बजे तक
पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन उपासक सुबह उठकर स्नानादि करके लाला रंग का साफ सुथरा कपड़ा पहनें। उसके बाद गणेश भगवान की प्रतिमा के सामने धूप दीप प्रज्वलित करके घी दूर्बा, रोली अक्षत चढ़ाएं। उसके बाद भगवान गणेश को भोग लगाएं। शाम को व्रत कथा पढ़कर चंद्रदर्शन करने के बाद व्रत को खोलें।
विनायक चतुर्थी महत्व
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का त्योहार प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह दिन श्रीगणेश भगवान को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन करने चाहिए। जो व्यक्ति इस दिन चंद्र दर्शन करता है उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।