Tourist Place Hampi :आज के आधुनिक युग में रामायण काल की स्मिृतियों जोड़ने वाली जगह हम्पी है। हम्पी एक प्राचीन शहर है और इसका जिक्र रामायण में भी किया गया है। इतिहासकारों के अनुसार इसे किष्किन्धा के नाम से बुलाया जाता था। वास्तव में 13वीं से 16वीं सदी तक यह शहर विजयनगर राजाओं की राजधानी के रूप में समृद्ध हुआ।
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विजयनगर साम्राज्य की इस महत्वपूर्ण राजधानी हंपी का नाम यहां की स्थानीय देवी चंपा देवी के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने यहीं पर शिव की तपस्या की थी तभी से यह स्थल बहुत पवित्र माने जाने लगा।
हंपी एक बेहद प्राचीन स्थल रहा है। इसका इतिहास विजयनगर साम्राज्य से कहीं ज्यादा जुड़ा हुआ है। कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के पास स्थित यह जगह मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्यटक स्थल से विजयनगर साम्राज्य के समय की वास्तुकला की सुंदरता को देखा जा सकता है।
वीरूपाक्ष मंदिर
कर्नाटक के उत्तरी भाग में स्थित हम्पी बेंगलुरु से केवल 350 किलोमीटर दूर है।, और सड़क मार्ग द्वारा बेंगलुरु से हम्पी तक केवल कुछ घंटों में पहुंचा जा सकता है।। यह यूनेस्को का विश्व विरासत स्थल है जो हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।। यहां कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनमें वीरूपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर और अंजनियाद्री मंदिर शामिल हैं। कर्नाटक की प्रमुख नदियों में से एक तुंगभद्रा नदी, इस शहर में बहती है, तथा इन खंड़हरों के पास एक विस्मय दायक प्राकृतिक वातावरण को प्रदान करती है। आसपास के पहाड़ों के प्राकृतिक पत्थर इन विशाल शिलाखंडों के स्रोत हैं जिनका इस्तेमाल विजयनगर के राजाओं द्वारा हम्पी के मंदिरों के प्रभावशाली पत्थरों के नक्काशीदार खंभों के लिए किया गया था।
हम्पी का इतिहास मौर्य साम्राज्य से भी जुड़ा हुआ है
यदि विजयनगर साम्राज्य के इतिहास में और पीछे जाएं तो हम पाएंगे कि हम्पी का इतिहास मौर्य साम्राज्य के इतिहास से भी जुड़ा हुआ है। इस शहर में ब्राह्मी अक्षरों में लिखे हुए कुछ शिलालेख और टेराकोटा सील है जिनका समय लगभग दूसरी शती माना जाता है।