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Umashankar Singh Jeevan Parichay: बलिया के इस विधायक से सीख सकते हैं ये अनोखी कला, हर वर्ग के दिलों पर कैसे किया जाये राज

By प्रिन्स राज 
Updated Date

Umashankar Singh Jeevan Parichay

Umashankar Singh Jeevan Parichay: बलिया(Ballia) जिले की एक विधानसभा है रसड़ा, इसे 358 रसड़ा विधानसभा क्षेत्र( Rasra assembly constituency) कहा जाता है। यहां से वर्तमान समय में विधायक हैं उमाशंकर सिंह। राजनीति में ख्याति तो लोगो को उलूल-जुलूल भाषा का प्रयोग कर के, कोई न कोई विवाद करके, परिवारवाद के नाम पर या बाहुबल के आधार पर तो मिल ही जाती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो वास्तव में हर वर्ग के दिलों पर राज करना बखूबी जानते हैं, और इसी श्रेणी में सबसे ऊपर नाम आता है रसड़ा से दो बार बसपा से विधायक चुन कर के विधानसदन पहुंचे उमाशंकर सिंह का।

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उमाशंकर सिंह का जन्म 2 जनवरी 1971 को बलिया जिले के खनवर गांव( Khanwar village) में घुरहू सिंह (उमाशंकर सिंह के पिता) के घर में हुआ था। उमाशंकर सिंह(Umashankar Singh) हिन्दू धर्म के क्षत्रीय जाति से आते हैं। इनकी प्रारम्भिक,माध्यमिक और उच्च शिक्षा अपने ही क्षेत्र के समान्य स्कूलों से प्राप्त हुई। इनका एक एनजीओ छात्र शक्ति के नाम से है जिसके द्वारा ये कई प्रकार के समाजिक कार्य करते हैं जिसके बारे में हम आपको इस लेख में आगे बताएंगे। उमाशंकर सिर्फ राजनीति ही नहीं करते इनका एक पेशा ठेकेदारी भी है। 6 मार्च 2012 को इनकी शादी पुष्पा सिंह से हुई। इन दोनो से एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।

वर्षो से राजनीति में जब कोई नेता अपनी जनता से ये वादा करता आ रहा है कि मैं ये कार्य अपने क्षेत्र के लोगो के लिए करुंगा और वो वादा सिर्फ और सिर्फ शब्दों तक या यूं कहें कि नेता के मुंह तक ही सीमित रह जाती है। लेकिन वो काम और वो वादें पूरे भी होते हैं इसका विश्वास दिलाया और एक नई आशा की किरण दिखाई विधायक उमाशंकर सिंह(Umashankar Singh) ने। इनको इनके क्षेत्र के लोग इन्हें गरीबों का मसीहा भी कहते हैं।

पिता का नाम:        श्री घुरहू सिंह
जन्‍म तिथि:             02 जनवरी, 1971
जन्‍म स्थान:             खनवर (बलिया)
धर्म:                        हिन्दू
जाति:                      क्षत्रिय
शिक्षा:                    इण्टरमीडिएट
विवाह तिथि:          06 मार्च, 2012
पत्‍नी का नाम:        श्रीमती पुष्पा सिंह
सन्तान:                 एक पुत्र, एक पुत्री
व्‍यवसाय:                व्यापार
मुख्यावास:            ग्राम व पोस्ट खनवर, जिला-बलिया
राजनीतिक योगदान:
2012-2017 सोलहवीं विधान सभा सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
2012-2015 सदस्य लोक लेखा समिति
मार्च, 2017 सत्रहवीं विधान सभा सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
विशेष अभिरूचि:      अध्ययन

 

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हर वर्ग के दिलों पर राज

कभी राजनीति में धर्म की चर्चा न हो ऐसा नहीं हो सकता। कोई अपने धर्म का नुमाइंदा है तो कोई किसी दूसरे धर्म का। लेकिन सभी धर्मो का प्रतिनिधित्व कैसे करते हैं कोई उमाशंकर सिंह से सीख सकता है। इसका प्रमुख उदाहरण ये है की रामजान के पवित्र माह में अगर ये मुस्लिम समाज(Muslim society) के लिए रोजा खुलवाते हैं तो सावन के महीनें में हिन्दू समाज( Hindu society) के लोगो के साथ बाबा बालेश्वर धाम आम जनता के साथ दर्शन के लिए जाते हैं। सभी धर्मो के लोग इन्हें प्यार करते हैं और इनका भी लगाव सबसे है।

समाजिक कार्य

किसी गरीब की बेटी की शादी नहीं हो रही हो,कोई इलाज के लिए जरुरी धन न जुटा पा रहा हो,कोई और आर्थिक,समाजिक व अन्य समस्याओं से घिरा हुआ हो उन सबकी मदद उमाशंकर सिंह करते हैं। गरीब लड़को और लड़कियों की हजारों जोड़ो की शादियां बड़ी धूम धाम से कराने का एक अनोखा रिकार्ड भी इनके पास है। ये सारे काम उनके संगठन व एनजीओ छात्र शक्ति(NGO student power) के द्वारा किये जाते हैं।

राजनीतिक कद

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बहुत ही कम समय में राजनीति में अपना कद बहुत बड़ा कर लिया उमाशंकर सिंह ने। एक बार आपको याद होगा की भाजपा के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमों व पूर्व मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश) मायावती को लेकर के अपशब्द(abuse) कहे थे। जिसके विराध में बसपा के कुछ नेताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन करते हुए उनकी बेटी को अपशब्द कह डाले। जिसके विरोध में पूरी भाजपा ‘बेटी के सम्मान में भाजपा मैदान में’ नारे के साथ बाजार में छा गई। इस दौरान पूरे प्रदेश भर के राजपूत नेताओं ने दयाशंकर सिंह का समर्थन किया। इस दौरान उमाशंकर सिंह इकलौते राजपूत नेता थे जो मयावती को ले कर के की गई टीप्पणी(comment) का विरोध करते रहे। संबंधों को र्निवहन कैसे किया जाता है ये बात भी कोई उमाशंकर सिंह से सीख सकता है।

रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री ने इनके खिलाफ किया चुनाव प्रचार फिर भी नहीं दे पाये मात

2012 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ये रसड़ा विधानसभा से सपा के सनातन पांडेय को हराकर पहली बार बसपा विधायक के तौर पर सदन आये। 2017 में जब भाजपा अपने चरम पर ​थी तब भी इन्होंने भाजपा के राजपूत उम्मीदवार रामइकबाल सिंह(Rajput candidate of BJP) को विधानसभा की चुनाव में शिकस्त दे दी। और ये जीत इसलिए भी बड़ी थी क्योंकि इनके खिलाफ रसड़ा जा कर के भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने प्रचार किया। भारत के वर्तमान रक्षामंत्री(current Defense Minister) और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह,उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री(current Chief Minister) योगी आदित्यनाथ और वर्तमान भाजपा सरकार में मंत्री और दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह भी उन बड़े नेताओं में शामिल रही जिन्होंने इनके खिलाफ रसड़ा आकर के जनसभायें की। अब तो आप इनके कद का अंदाजा लगा ही चुके ​होंगे।

 

 

 

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