Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड के एक महने पूरे हो गए हैं। इस सनसीनेज वारदात में अभी तक पुलिस को कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। हालांकि, दो आरोपी एनकाउंटर में ढेर मारे गए हैं। हत्याकांड के बाद पुलिस ने सात नामजद लोगों के साथ ही अज्ञात और अतीक के अन्य करीबियों के नाम से कुल नौ आरोपी बनाए गए थे। इसमें से अतीक और उसका भाई अशरफ पहले से ही जेल में हैं। इनके अलावा जिन पांच लोगों के नाम एफआईआर में थे उनमें से अब तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। हालांकि, इस घटना के बाद पुलिस करीब एक दर्जन गिरफ्तारियां कर चुकी है और अतीक और उसके करीबियों पर बुलडोजर की कार्रवाई भी चल रही है।
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इन दो आरोपियों का हुआ एनकाउंटर
बता दें कि, उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने दो आरोपियों अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान को एनकाउंटर में मार गिराया है। पुलिस का दावा है कि अरबाज वह क्रेटा कार चला रहा था, जिससे शूटर उमेश की हत्या करने पहुंचे थे। वहीं, विजय चौधरी वह शख्स था, जिसने सबसे पहले उमेश पर फायरिंग की थी। इसके अलावा पुलिस ने सदाकत खान को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि सदाकत के हॉस्टल रूम में ही उमेश की हत्या की साजिश रची गई थी।
इन पर है पांच-पांच लाख का इनाम
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद, खास गुर्गे अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर को पुलिस लगातार तलाश कर रही है। इन पांचों आरोपियों पर इनाम की राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है। इनकी तलाश के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
24 फरवरी के दिन हुई हत्या
2005 में हुई विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे। 24 फरवरी शुक्रवार को करीब साढ़े चार बजे उमेश कार से वापस सुलेमसराय, धूमनगंज स्थित अपने घर के लिए चल दिए। जैसे ही गेट पर गाड़ी रोककर उमेश उतरे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। उमेश गोली लगने से गिरने के बाद उठकर घर के भीतर भागे। साथ में उनकी सुरक्षा में लगे दोनों सिपाही भी उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर भागे थे लेकिन हत्यारों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां और बम से हमला किया था। इस हमले में उमेश पाल और सुरक्षा में लगे दोनो जवानों की जान चली गयी थी।