लखनऊ। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे यूपी में ब्लैक फंगस इंफेक्शन ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। यूपी के अलग-अलग जिलों में अब तक 76 मरीज मिले हैं। इनमें तीन जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा 23 केस वाराणसी में सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें आसपास के जिलों से आए केस भी शामिल हैं।
पढ़ें :- देश के युवा कारोबारी रोहन मीरचंदानी की 42 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत, एपिगैमिया के थे सह संस्थापक
वहीं राजधानी लखनऊ में 17 केस अब सामने आए हैं। लखनऊ के डॉ. मनोहर लोहिया संस्थान में इस इंफेक्शन ने एक महिला की जान ले ली है। लखनऊ के केजीएमयू के लिंब सेंटर और गांधी वार्ड में मरीजों का इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार कानपुर में दो और लखनऊ में एक मरीज की जान जा चुकी है। वहीं मथुरा में दो मरीजों की आंख की रोशनी जाने की सूचना है। वाराणसी के बीएचयू में भी डॉक्टर इससे निपटने में जुटे हुए हैं। यहां इंफेक्शन से जूझ रही एक महिला की जिंदगी उन्होंने किसी तरह बचाई। डॉक्टरों को उसके आधा चेहरा हटाना पड़ गया।
मेरठ में पांच नए केस
मेरठ में ब्लैक फंगस के 5 और मरीज़ मिले हैं। मेरठ में अब तक ब्लैक फंगस के 8 मरीज हैं। इनमें से 4 मरीजों का निजी अस्पताल में इलाज हो रहा है, वहीं 3 मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। एक अन्य मरीज को उसके परिजन दूसरे अस्पताल ले गए हैं।
सरकार रणनीति बनाने में जुटी
पढ़ें :- पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के काफिले के साथ बड़ा हादसा, बाइक सवार को बचाने में पलटी बुलेरो
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक फंगस इंफेक्शन के खतरे को देखते हुए अफसरों से इस पर रणनीति बनाकर रिपोर्ट तलब की है। फिलहाल सरकार इलाज के लिए गाइडलाइन बनाने की तैयारी में जुटी हुई है।
आईसीयू से लौटे मरीज रहें सतर्क: डॉक्टर
डॉक्टरों की सलाह है कि जो मरीज आईसीयू में रहकर घर लौटे हैं, उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ब्लैक फंगस खून के जरिए आंख, दिल, गुर्दे और लिवर पैंक्रयाज पर हमला बोलता है।