लखनऊ। हर वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार पूर्णिमा 26 अप्रैल को दोपहर 12 बजे शुरू होगी और 27 अप्रैल को 9 बजे तक रहेगी। श्रद्धालुओं द्वारा इस दिन शोभायात्रा निकाली जाती हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी घर में रहकर ही हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जाएगा। हनुमान जयंती पर पवनसुत को विशेष भोग लगाएं जाते हैं। इसके अलावा उन्हें चोला भी अर्पित किया जाता है।
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आप अपनी राशि के अनुसार हनुमान जयंती पर लगाएं ये भोग
मेष- बेसन के लड्डू
वृष- तुलसी के बीज
मिथुन- तुलसी दल अर्पित
कर्क- बेसन का हलवा
सिंह- जलेबी का भोग लगाएं
कन्या- चांदी का अर्क प्रतिमा पर लगाएं
तुला- मोतीचूर के लड्डू का भोग
धनु- मोतीचूर के लड्डू के साथ तुलसी दल
मकर- मोतीचूर के लड्डू का भोग
कुंभ-सिंदूर का लेप लगाएं
मीन- लौंग चढ़ाएं
हनुमान जयंती पर शुभ योग
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हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार हनुमान जयंती के दिन शुभ योग का निर्णाण हो रहा है। 27 अप्रैल को सिद्धि और व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है। हनुमान जयंती पर सिद्धि योग शाम 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इस योग में हनुमानजी पूजा आराधना करना शुभ रहेगा।
पूजा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ- 26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन – 27 अप्रैल 2021 की रात्रि 9 बजकर 01 मिनट पर
पूजा विधि
ऊँ हनुमते नम:। या अष्टादश मंत्र ‘ॐ भगवते आन्जनेयाय महाबलाय स्वाहा। का जप करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से तो मुक्ति मिलती है।
पूजा में चोला चढ़ाना ,सुगन्धित तेल और सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है।
रामचरित मानस का अखंड पाठ, सुंदरकाण्ड का पाठ, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करें।
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पूजा-आराधना के लाभ
शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमानजी आज भी पृथ्वी पर वास करते हैं। इन्हें चिरंजीवी का आशीर्वाद प्राप्त है। राम भक्त हनुमानजी सूर्यपुत्र और भगवान शिव के अंशावतार है। जो भी इनकी प्रतिदिन पूजा-आराधना करता है उनको जीवन में संकटों से मुक्ति और सुख शान्ति की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि जैसे ग्रह अशुभ प्रभाव डालते हैं, विधिपूर्वक हनुमान जी की पूजा करते हैं तो शनि देव से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। इनकी आराधना करने से नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत बाधा, मरण आदि से पूर्णतः मुक्ति मिल जाती है।