Vastu Tips : जीवन शैली का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। सटीक जीवन शैली से शरीर बलिष्ठ होता है और जीवन शैली अस्त व्यस्त हो तो रोग शरीर में घर बनाने लगते है। घर के वास्तु की ऊर्जाएं घर में निवास करने वाले हर व्यक्ति और वस्तु पर पड़ती है। वस्तु की ऊर्जा घर के हर आयाम को प्रभावित करती हैं। वास्तु-ऊर्जा के तीन क्षेत्र; उत्तर-पूर्व, ब्रह्म स्थान (मध्य) और दक्षिण-पश्चिम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन दिशा-क्षेत्रों में वास्तु दोष होना घर के सदस्यों को अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित कर सकता है। उत्तर पूर्व में लाल रंग होना या किसी मर्म-स्थान पर कीलें लगी होना माइग्रेन या सिरदर्द दे सकता है। आइये जानते है कि र में बीमारियां ना आए इसके लिए निवास का वास्तु कैसा हो ।
पढ़ें :- Mahakumbh Mela 2025 : प्रयागराज में संगम तट लगेगा अध्यात्म का महाकुंभ मेला , ये है शाही स्नान की मुख्य तिथियां
1.यदि आपका बेड दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में है तो बीमारियां पीछा नहीं छोड़ती हैं।
2.पश्चिम-उत्तर-पश्चिम (यानि पश्चिम और उत्तर-पश्चिम के मध्य में) बेडरूम थायराइड रोग के योग बनाता है वहीं उत्तर-पूर्व का बेडरूम मनोरोग का कारक है।
3.अगर दवाइयां उत्तर-उत्तर-पूर्व में रखी जाएँ तो उसका फायदा होने लगता है।
4.अगर दवाइयां उत्तर-उत्तर-पूर्व में रखी जाएँ तो उसका फायदा होने लगता है।
5.हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति के कमरे की उत्तरी दीवार पर क्रिस्टल बॉल टांग देनी चाहिए।
6.क्रिस्टल बॉल के नीचे चारों दिशाओं में एक-एक क्रिस्टल पिरामिड रख दें। ऐसा करने से लाभ होगा।
7.वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में टूटी खिड़कियां शीशे /आइनें आदि ऐसी चीजें नहीं रखनी चाहिए।
8.टूटी खिडकियों को अख़बार, कागज या कपड़े से नहीं ढकनी चाहिए। इससे वास्तु दोष माना गया है। जो कि शुभ दायक है।