Vastu Tips : घर गृहस्थी में रसोई सबसे महत्वपूर्ण स्थान होती है। रसोई एक ऐसा स्थान है जिसमें सभी ‘पंचभूत’ होते हैं- पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आत्मा। वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई में ‘अग्नि’ ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है और ‘अग्नि’ किसी भी घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रबल होती है। इसलिए किचन घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि रसोई उत्तर, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है तो यह रिश्तों को चोट पहुंचा सकता है और परिवार के सदस्यों के बीच एक मजबूत मतभेद पैदा कर सकता है।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना बनाते समय मुख पूर्व की ओर करके बनाना चहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा आपके भोजन में प्रवाहित होगी जो बदले में आपको स्वास्थ्य, खुशी और शांति को दर्शाएगी।वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना पकाने के उपकरण जैसे गैस सिलेंडर, गैस स्टोव, इलेक्ट्रिक हीटर, टोस्टर, ओवन, माइक्रोवेव आदि को रसोई के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। आईये जानते है कि किचन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में मदद करने के लिए अपनी रसोई में क्या बदलाव करने चाहिए।
1.घर की दक्षिण पूर्व दिशा रसोई के लिए सबसे शुभ है।
2.शौचालय के ऊपर और नीचे रसोई नहीं बनाएँ।
3.बेडरूम के ऊपर और नीचे रसोई नहीं बनाएँ।
4.रसोई में चूल्हा रसोई के दरवाज़े के सामने नहीं रखें।
5.रसोई का मुख्य द्वार कोने में नहीं होना चाहिए। दरवाज़ा पूर्व, पश्चिम या उत्तरी दिवार पर बनाएँ।
6.ईशान कोण में रसोई नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से घरवालों में मानसिक तनाव होता है।
7.दक्षिण पश्चिम दिशा में रसोई नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से घरवालों में झगड़े होते है।
8.उतर दिशा में रसोई बनाना खतरनाक होता है। यह कुबेर भगवान की दिशा है। इस दिशा में रसोई बनाने से आपके खर्चे बढ़ जाते है।