धार्मिक शास्त्रों में पेड़-पौधों सहित प्रकृति के सभी तत्वों को बहुत महत्व दिया गया है। इन्हीं में से एक है। नीम का पेड़ यह न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा है बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी यह पेड़ बहुत ही परोपकारी और लाभकारी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नीम के पेड़ का संबंध शनि और केतु से है। जहां इन दोनों में से कोई एक ग्रह दोष आप पर हो तो वहां नीम का पेड़ लगाकर उसकी पूजा करने से आराम मिलता है।
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साथ ही नीम की लकड़ी से हवन करने से शनिदेव का क्रोध कम होता है। और वह प्रसन्न होते हैं। और जातकों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। इसके अलावा नीम के पत्तों को पानी में मिलाकर स्नान करने से केतु से संबंधित दोष दूर हो सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं। कि कैसे करें नीम का इस्तेमाल शनिदेव की कृपा पाने और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए।
नीम से होता है पितृ दोष से मुक्ति
कहा जाता है कि नीम का पेड़ दैवीय शक्तियों का घर है। ऐसे में नीम का पेड़ घर के दक्षिण या पश्चिम कोण में लगाएं। इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। साथ ही पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
नीम की लकड़ी से बनी माला धारण करें
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए और शनिदेव की कृपा पाने के लिए नीम की लकड़ी से बनी माला धारण करनी चाहिए। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और शनि का कोई अशुभ प्रभाव नहीं होता है।
रविवार के दिन नीम के पेड़ पर जल चढ़ाएं
रविवार के दिन सूर्योदय के समय नीम के पेड़ को जल देने से कुंडली में अशुभ फल देने वाले ग्रह शांत होते हैं।
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नीम का पेड़ किस दिशा में लगाएं
ज्योतिष शास्त्र में नीम के पेड़ को मंगल का रूप माना गया है। यह पेड़ हमेशा घर की दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए।