जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के हालातों की समीक्षा गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने बुधवार सुबह ही मीटिंग बुलाई, जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और कई अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे। खासतौर पर सीआरपीएफ (CRPF)और बीएसएफ (BSF) के डीजी को भी इस बैठक में बुलाया था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस मीटिंग में अमित शाह (Amit Shah) ने आर्टिकल 370 हटने के बाद सुरक्षा के हालातों का जायजा लिया। माना जा रहा है कि हाल के दिनों टारगेट किलिंग की बढ़ी घटनाओं का अमित शाह (Amit Shah) ने जायजा लिया और इनसे कैसे निपटा जाए इस पर भी बात की गई है।
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अमित शाह (Amit Shah) की आज बारामूला में रैली भी होने वाली है। इससे पहले मंगलवार को राजौरी में उन्होंने रैली की थी और इस दौरान पहाड़ी समुदाय को आरक्षण देने का ऐलान किया था। अमित शाह (Amit Shah) लंबे समय के बाद जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। बीते कुछ महीनों में कश्मीरी पंडितों, प्रवासी मजदूरों की टारगेट किलिंग बढ़ी है। इससे सरकार की चिंताएं भी बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि मीटिंग में अमित शाह ने ऐसी घटनाओं से निपटने को लेकर बात की।
मंगलवार रात को जेल डीजी हेमंत लोहिया की भी उनके ही नौकर यासिर अहमद ने मार दिया था। हालांकि इस हत्याकांड में टारगेट किलिंग या फिर आतंकवादी हमले की बात सामने नहीं आई थी।
बता दें कि अमित शाह (Amit Shah) की राजौरी में हुई रैली में बड़े पैमाने पर भीड़ जुटी थी। इस मौके पर होम मिनिस्टर ने कहा था कि अब जम्मू-कश्मीर की सत्ता तीन परिवारों से लेकर तीस हजार लोगों के हाथों में दे दी गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पंचायत चुनाव कराए हैं और उन वर्गों को आरक्षण दिया था, जो पिछड़े रहे हैं और अपने हक के लिए लंबे समय से उम्मीद कर रहे थे। अमित शाह की राजौरी में हुई रैली अपने आप एक रिकॉर्ड भी थी। 1991 के बाद यह पहला मौका था, जब पीर पंजाल रेंज में किसी गृह मंत्री ने रैली की।शाह तीन दिनों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं और उनकी यात्रा का आज तीसरा दिन है।