नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) इस समय महंगाई, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister of Pakistan Shahbaz Sharif) ने भारत से युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत से तीन युद्ध के बाद हम (Pakistan) सबक सीख चुके हैं। अब शांति चाहते हैं।
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सरहद पर तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (Prime Minister of Pakistan) के इस बयान ने सबको चौंका दिया है। सवाल उठ रहा है कि आखिर शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) के इस बयान के मायने क्या हैं? क्या वाकई में पाकिस्तान (Pakistan) अब भारत से रिश्ते सुधारना चाहता है? क्या आने वाले समय में दोनों देशों के बीच स्थिति में सुधार होगा?
शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को बातचीत के लिए मैसेज भेजा है। शाहबाज ने कहा कि भारतीय लीडरशिप और प्रधानमंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए मेज पर बैठते हैं और हमारे बीच के कश्मीर जैसे मसलों पर समझदारी से बात करते हैं।’
शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने अल अरेबिया न्यूज चैनल (Al Arabia News Channel) से इंटरव्यू में यह बात कही।पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों और डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तान का मीडिया PM मोदी की खुलकर तारीफ कर रहा है और कह रहा है कि भारत हर लिहाज से ताकतवर है।
पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का पूरा बयान जान लीजिए
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister of Pakistan Shahbaz Sharif) ने भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई है। शहबाज ने कहा कि ‘भारतीय प्रबंधन और पीएम मोदी को मेरा संदेश सिर्फ इतना है कि हम एक साथ बैठें और कश्मीर समेत आपसी मसलों पर बातचीत करें। हमें एक-दूसरे से झगड़े बिना एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना है न कि समय और संपत्ति को झगड़े में बर्बाद करना है।
उन्होंने आगे कहा कि हमनें भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं और ये अतिरिक्त परेशानियों और बेरोजगारी की वजह बने हैं। हमने इनसे सबक ले लिया है और अब हम शांति से रहना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए पहले हमें अपने वास्तविक मसलों को सुलझाना होगा। शरीफ ने आगे कहा कि दोनों देश परमाणु संपन्न देश हैं और दोनों के पास हथियार हैं। अब अगर कोई युद्ध हुआ तो फिर किसका अस्तित्व बचेगा किसका नहीं, यह कोई नहीं जानता है।
घर में घिरे शहबाज शरीफ
पाकिस्तान में इन दिनों आर्थिक स्थिति काफी खराब चल रही है। लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। पूरे देश में आटे की कमी हो गई है। लोग एक-एक किलो आटे के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। गैस-सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल, सब्जियां और फल सब महंगा हो गया है। इसके चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपने ही घर में घिरे हुए हैं। जनता से लेकर मीडिया तक पाकिस्तान सरकार पर निशाना साध रही है।
शरीफ के बयान से पहले पाकिस्तान के दो बड़े अखबारों ने पाकिस्तान सरकार को आड़े हाथों लिया था, जबकि भारत की तारीफ की थी। अखबारों ने लिखा था कि देश में संकट गहराता जा रहा है और शरीफ को दुनिया के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं लेकिन भारत दिन-रात तरक्की की नई कहानी लिखने में लगा हुआ है।
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शहबाज शरीफ के बयान के क्या हैं मायने?
पाकिस्तान में सिंध के वरिष्ठ पत्रकार और सिंध के सामाजिक कार्यकर्ता सज्जाद अली ने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त सबसे बुरी स्थिति में है। लोग भूख से मर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य की तो बात ही नहीं हो रही है। ऐसे समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का शांति वार्ता को लेकर बयान आना वाजिब है। पाकिस्तान की सरकार अपनी जनता के बीच घिरी हुई है। इस साल के अंत तक यहां चुनाव होना है। ऐसे में अगर यही हालात रहे तो शहबाज शरीफ और उनकी पार्टी को समर्थन देने वाली पार्टियां कभी सत्ता में वापसी नहीं कर पाएंगी। इसलिए शहबाज शरीफ कुछ भी करके इस स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।’
सज्जाद आगे कहते हैं, ‘दुनिया के सभी बड़े देशों से पाकिस्तान कर्ज ले चुका है। चीन के कर्ज तले तो पूरा पाकिस्तान ही दबा हुआ है। स्थिति ये है कि चीन ने अपने कर्ज की बदौलत पाकिस्तान पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर पाकिस्तान सरकार अपने लोगों को खाने-पीने के लिए राहत देना चाहती है तो उसे भारत के साथ फिर से कारोबार शुरू करने होंगे। भारत के साथ कारोबार शुरू होने पर ही पाकिस्तान में स्थिति सुधर सकती है। शहबाज शरीफ ( Shahbaz Sharif) का बयान इसी ओर इशारा कर रहा है। पाकिस्तान की सरकार ये जान चुकी है कि बगैर भारत की मदद के वह अपने लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं दे सकती है। इसलिए कुछ भी करके शहबाज शरीफ ( Shahbaz Sharif) फिर से दोनों देशों के बीच कारोबार शुरू करवाने की कोशिश में जुटे हैं।’
विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल ने कहा कि पाकिस्तान को इस बात का एहसास है कि बगैर चीन की मदद के वह भारत के साथ जंग लड़ना तो दूर, आंख भी नहीं दिखा सकता है। लेकिन सीधे चीन की मदद भी नहीं ले सकता। एक तरफ भारत तेजी से तरक्की कर रहा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान की हालत उतनी ही खराब होती जा रही है। पाकिस्तान को अभी फौरी तौर पर बड़ी राहत की जरूरत है। वहां आटे, चावल व अन्य खाद्य पदार्थों का बड़ा संकट उभर आया है।’
आदित्य ने कहा कि अगर उन्हें इस मुश्किल दौर से कोई बाहर निकाल सकता है तो वह भारत है। भारत पूरे पाकिस्तान के खाद्य पदार्थों की जरूरतें पूरी कर सकता है। इसलिए शहबाज शरीफ ( Shahbaz Sharif) का ये बयान अपने ही देश को बचाने के लिए दिया गया है। वह भारत को लेकर दिए गए बिलावल भुट्टो (Bilaval Bhutto) के बयान को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भारत उन्हें मदद देने को तैयार हो जाए।’
जानें आगे क्या होगा?
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डॉ. आदित्य ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से बैक डोर पर लगातार दोनों देशों के बीच फिर से कारोबार शुरू करने की कोशिशें हो रहीं हैं। संभव है कि आने वाले समय में पाकिस्तान (Pakistan) इस पर अपनी कोशिशों को और तेज कर दे। पाकिस्तान (Pakistan) किसी भी हालत में भारत से मदद चाहता है। श्रीलंका पर जब आर्थिक संकट आया था, तब भारत ने हर तरह से मदद की थी। भारत की मदद के चलते ही श्रीलंका में स्थिति सामान्य हो पाई। पाकिस्तान (Pakistan) ये समझ रहा है।’