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लखीमपुर खीरी हिंसा का जाने क्या होगा चुनावी इफ्केट? कांग्रेस का हाथ हुआ मजबूत, सपा की सा​इकिल हो सकती है पंचर

By शिव मौर्या 
Updated Date

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस (Congress) सबसे ज्यादा आक्रामक दिख रही है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) लखीमपुर खीरी के पीड़ित किसानों की लड़ाई के लिए सबसे ज्यादा मुखर रहीं। ​राहुल-प्रियंका समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं ने मृत किसान और पत्रकार के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें आवश्वासन दिया कि वो और उनकी पार्टी उनके साथ हैं।

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इन सबके बीच यूपी चुनाव 2022 (UP elections 2022) से पहले कांग्रेस इस मुद्दे पर पूरी तरह से आक्रामक दिख रही है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस (Congress)  इस मुद्दे के जरिए एक तीर से दो निशाने लगा रही है। दरअसल, 2022 में यूपी (UP), पंजाब (Punjab), उत्तराखंड (Uttarakhand) समेत पांच राज्यों में चुनाव है। लिहाजा, पंजाब (Punjab) सिख धर्म के लोगों को अपने साथ जोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है।

यूपी (UP) के साथ ही पंजाब में भी कांग्रेस (Congress) को इसका फायदा पहुंचेगा। इसको देखते हुए ही राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी पीड़ित किसान परिवारों से मिलने के लिए पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे को यूपी, पंजाब और उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव में भुनाने की पूरी कोशिश करेगी।

समाजवादी पार्टी को होगा नुकसान
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी पूरी तरह से सक्रिय है। मुख्य विपक्षी दल के रूप में समाजवादी पार्टी को ही देखा जा रहा है। हालांकि, लखीमपुर हिंसा में पीड़ितों को न्याय दिलाने में सपा पीछे दिखी। हालांकि, गुरुवार को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) लखीमपुर पहुंचे हैं, जहां वो पीड़ित परिवार से मिलेंगे। हालांकि, इस मुद्दे का पूरा फायदा कांग्रेस (Congress) ने उठाया। अगर यूपी (UP) में कांग्रेस (Congress) को इसका फायदा पहुंचता है तो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को चुनाव में नुकसान होगा। साथ ही सपा और कांग्रेस के बीच वोटों के बंटवारे से भाजपा को फायदा मिल सकता है। बता दें कि यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा (BJP) का सीधा मुकाबला सपा (SP) से ही होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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