लखनऊ। यूपी के बलिया जिले में बसंतपुर के रहने वाले दानिश आजाद अंसारी 2006 में राजधानी लखनऊ उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए आये थे। 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।
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जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। यहीं से दानिश छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। इसके बाद दानिश ने एबीवीपी से जुड़कर भाजपा और आरएसएस के लिए खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच माहौल बनाया। 25 मार्च 2022 को योगी कैबिनेट के हुए शपथ ग्रहण समारोह में दानिश आजाद अंसारी ने शपथ कैबिनेट के सबसे युवा मंत्रियों में शुमार हो गए हैं।
बता दें कि दानिश आजाद अंसारी योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं। दानिश आजाद अंसारी भाजपा का युवा चेहरा और बुलंद आवाज बन चुके हैं। छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे। दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं। 2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला। तब दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। 2022 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया। दानिश को मोहसिन रजा की जगह मंत्री बनाया गया है।
दानिश आजाद अंसारी यूं चढ़े सफलता की सीढ़ियां
जब 2017 में यूपी में भाजपा की योगी सरकार बनी। तो चुनाव में जिन-जिन लोगों ने मेहनत की थी, उन्हें इसका इनाम मिला। इन्हीं में एक नाम था दानिश आजाद का भी था। दानिश आजाद अंसारी 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे। इसके बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया। ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी और अब योगी कैबिनेट का हिस्सा बन चुके हैं दानिश आजाद अंसारी।