नई दिल्ली: आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने वाले है जिसमे जो समाज को एक बहुत ही अच्छा उदाहरण देती है जहां 11 बहुओं और एक सास जिनका घर चंडीगढ़ के बिलासपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर रतनपुर में है।
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आपको बता दे की ये अकेली सास अपनी बहुओं को मिलजुल कर रहने की शिक्षा देती थी। इस सास का नाम गीता देवी था और साल 2010 में उनका देहांत हो गया था सभी बहुएं अपनी सास को बहुत प्यार करती थी और इस वजह से उनके देहांत के पश्चात उन्होंने मंदिर में उनकी एक प्रतिमा बनवाई साथ ही उनके सोने की गहनों से उनका श्रृंगार किया। परिवार में कुल 39 सदस्य हैं और उनकी मूर्ति पर प्रतिदिन आरती उतारती थी और महीने में एक बार तो भजन-कीर्तन जरूर करवाती थी इसके साथ ही गीता देवी की तीन बहुएं और कई देवरानियां भी थीं और वह उन्हें काफी प्रेम करती थी,सभी बहुएं पढ़ी लिखी और पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
सास जब कोई भी फैसले लेती है तो वो अपनी बहुओं और देव रानियों की सलाह लेकर ही करती थी और उन्हें अपनी बहुओं नहीं बल्कि सभी को अपनी बहन की तरह ही मानती थी। वैसे अभी भी सभी बहुएं अपने पति के काम में हाथ बटाती है साथ ही अपने पति के साथ हिसाब-किताब संभालती है। सभी बहुओं और भाइयों में बहुत ही ज्यादा प्यार भी है। बता दे की परिवार में शिवप्रसाद सबसे बड़े भाई हैं जो शिक्षक के पद से रिटायर होने के बाद दुकान चलाते हैं।
इनके पास पान दुकान, होटल, राशन दुकान और साबुन बनाने की फैक्ट्री भी है साथ उनके पास करीब 20 एकड़ जमीन है जिसमें पूरा परिवार मिलकर खेती करता है और परिवार का खाना एक साथ ही बनता है और यहाँ पर कोई अलग नहीं रहते बल्कि बहुएं रसोई में एक साथ मिलकर खाना बनाती और खाती है।