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‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में Heatstroke से 11 लोगों मौत, भड़का विपक्ष बोला- अमित शाह जी ‘ इसकी जांच कौन करेगा’ ?

By संतोष सिंह 
Updated Date

नवी मुंबई। महाराष्ट्र के नवी मुंबई में रविवार को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार (Maharashtra Bhushan Award) में एक ऐसा हादसा जिसे जिसने भी सुना वो दंग रह गया। यहां हीटस्ट्रोक (Heatstroke) के चलते 11 लोगों की मौत हो गई और 24 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मरने वालों में 8 महिलाएं हैं, इनमें ज्यादातर बुजुर्ग हैं। नवी मुंबई के खारघर के डेढ़ सौ एकड़ के एक बड़े मैदान में सुबह 11.30 बजे से 1 बजे तक यह कार्यक्रम चला। इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 38 डिग्री था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) , राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) की उपस्थिति में नवी मुंबई में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार (Maharashtra Bhushan Award) प्रदान करने के समारोह में मौजूद थे।

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इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)  ने समाजसेवी दत्तात्रेय नारायण को अवॉर्ड दिया। इवेंट में 7 लाख प्रशंसक शामिल हुए थे। सभी लोग कार्यक्रम देख और सुन सकें, इसके लिए मैदान में ऑडियो और वीडियो फैसिलिटी का पूरा प्रबंध किया गया था, लेकिन लोगों के बैठने के लिए जो व्यवस्था की गई थी, उसके ऊपर कोई शेड नहीं लगाया गया था। इवेंट में धूप और गर्मी से कई लोगों की तबीयत खराब हो गई और कई हीटस्ट्रोक के चलते मौत के शिकार हो गए।

कार्यक्रम में लाखों लोग पहुंचे थे। कार्यक्रम को सुबह 10.30 बजे खत्म होना था, लेकिन दोपहर एक बजे तक चला। उसके बाद भीड़ में लोगों को निकालने में समय लगा। डिहाइड्रेशन की वजह से कई लोगों को चक्कर आने लगे और तबीयत बिगड़ गई।

नेता तो खुद AC में रहते हैं,लेकिन इस भीषण गर्मी में लोकप्रियता दिखाने के लिए लोगों बाहर बैठाकर रखा : ममता बनर्जी 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने कहा कि कल अमित शाह मीटिंग के लिए गए थे। नेता तो खुद छांव में रहते हैं, AC में रहते हैं, लेकिन इस भीषण गर्मी में लोकप्रियता दिखाने के लिए लोगों बाहर बैठाकर रखा। लोगों ने वहां से निकलने की इच्छा जताई लेकिन उन्हें बाहर जाने नहीं दिया गया। 11 लोगों की मृत्यु हुई, 600 लोग हीट स्ट्रोक का शिकार हुए।

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उद्धव ठाकरे बोले-आखिर इस घटना की जांच कौन करेगा?

घटना की सूचना मिलने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और राकांपा नेता अजीत पवार ने एमजीएम कमोठे अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर से बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित लोगों से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम लोगों से मिले हैं, 4-5 लोगों से बातचीत की, उनमें से दो की हालत गंभीर है। कार्यक्रम की योजना ठीक से नहीं बनाई गई थी। आखिर इस घटना की जांच कौन करेगा?

वहीं, अजीत पवार ने कहा कि हमने देखा कि एक मरीज वेंटिलेटर पर है और उसकी हालत गंभीर है। बाकी लोगों ने हमसे बात की। यह एक बहुत ही गंभीर घटना है। इसकी जांच होनी चाहिए।

घटना पर क्या बोली पुलिस?
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि नवी मुंबई और पनवेल शहर के अस्पतालों में कुछ मरीज ‘वेंटिलेटर’ पर हैं । उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। कुछ लोगों को खारघर के टाटा अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि कुछ अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं। बताया गया है कि घटनास्थल के निकटतम मौसम केंद्र ने अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।

कांग्रेस ने की ये मांग
इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने मांग की है कि सरकार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए। इस सरकार की लापरवाही के कारण अप्रैल माह में धूप में कार्यक्रम आयोजित कर इस सरकार की लापरवाही से 11 मासूमों की मौत हो चुकी है। कई लोग गंभीर हैं। सरकार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

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मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान

सीएम शिंदे ने नवी मुंबई के एक अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल में कम से कम 50 लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से 24 अभी भी भर्ती हैं जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद वहां से छुट्टी दे दी गई उन्होंने इन मौतों को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। शिंदे ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस घटना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया किया जाएगा। राज्य सरकार उनके इलाज के लिए अपने खजाने से भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अगर मरीजों का अतिरिक्त इलाज किए जाने की जरूरत है, तो उन्हें विशेष अस्पतालों में भेजा जाए।
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