नई दिल्ली। तालिबान प्रशासन ने सोमवार को अफगानिस्तान एयरस्पेस (Afghan airspace) बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद एयर इंडिया (Air India) ने स्पष्ट किया कि काबुल (Kabul) के लिए उसका ऑपरेशन ठप रहेगा। ऐसे में दिल्ली से एयर इंडिया (Air India) की काबुल जाने वाली फ्लाइट (Delhi To Kabul Air India) जो पहले रात 8:30 बजे के बजाय 12:30 बजे उड़ान भरने वाली थी। वह अब ऑपरेट नहीं होगी। एयर इंडिया ने बताया कि अफगानिस्तान का हवाई मार्ग बंद होने की वजह से वह फ्लाइट ऑपरेट नहीं कर सकते हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार ने एयर इंडिया (Air India) से कहा कि वह काबुल से आपातकालीन निकासी के लिए दो विमानों को स्टैंडबाय में रखें। एयर इंडिया ने काबुल से नई दिल्ली के लिए आपातकालीन संचालन (Emergency Operation) के लिए एक दल तैयार किया है।
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अमेरिकी दूतावास के कर्मियों को सुरक्षित निकालने का काम हो चुका पूरा
वहीं अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Afghan President Ashraf Ghani) के शासन के घुटने टेक दिया है।अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान में हालात तथा सुरक्षा संबंधी विषय पर ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और नॉर्वे में अपने समकक्षों से बात की है।हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था। विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिकी दूतावास के कर्मियों को सुरक्षित निकालने का काम पूरा हो चुका है।
अमेरिका (America) और यूरोपीय संघ (The European Union) के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं।
अमेरिकी विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त बयान किया जारी
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विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की ओर से जारी संयुक्त बयान (Joint Statement) में कहा गया कि फिलहाल हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Hamid Karzai International Airport in Kabul) की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं। ताकि सैन्य और असैन्य विमानों के जरिए अमेरिकी लोग और उनके सहयोगी अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल सकें।
इसमें कहा गया कि अगले 48 घंटों में, करीब 6000 सुरक्षाकर्मियों को वहां तैनात किया जाएगा। उनका मिशन लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने में मदद देना होगा और वे हवाई यातायात नियंत्रण (Air Traffic Control) को भी अपने कब्जे में लेंगे। कल और आने वाले दिनों में हम देश से हजारों अमेरिकी नागरिकों, काबुल में अमेरिकी मिशन (American Mission) पर तैनात स्थानीय लोगों और उनके परिवारों को निकालेंगे। बीते दो हफ्तों में विशेष वीजा धारक करीब 2,000 लोग काबुल से अमेरिका पहुंच चुके हैं।