पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना की समीक्षा करे। साथ ही प्रदर्शनकारी युवाओं को आश्वासन दिया जाए कि इस योजना से उनके भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस बात की जानकारी बिहार के मुख्यमंत्री के पुराने साथी और जदयू चीफ राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लू ने शुक्रवार को वीडियो संदेश के जरिए दी।
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बता दें कि केंद्र सरकार के अग्निपथ योजना का एलान करने के बाद से ही देश भर में इसका विरोध हो रहा है। इस पर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को इसका तत्काल रिव्यू करना चाहिए। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो युवाओं को भरोसा दिलाया जाना चाहिए कि उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा। दरअसल, जदयू बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सत्ता में है। सिंह ने बीते दिन भी यही मांग रखी थी।
हालांकि, भाजपा का तर्क है कि विरोध-प्रदर्शन पहले से ही नियोजित किए गए थे। यह राजनीति से प्रेरित हैं। इस पर जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा असहमत दिखे। उन्होंने कहा था कि विरोध स्वतः स्फूर्त प्रतीत होता है। विपक्षी दल इस कदम की आलोचना करने में एकमत रहे हैं।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चार साल की सेवा के बाद बिना पेंशन लाभ के सेवामुक्त करने जैसी योजना के प्रावधानों को लेकर आशंका व्यक्त की। उन्होंने यह भी जानना चाहा है कि क्या संविदा रोजगार की नई योजना से जाति आधारित आरक्षण खत्म हो जाएगा?
ईडी द्वारा अपने नेता राहुल गांधी के कथित उत्पीड़न के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने, विभिन्न शहरों में प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस ने भी इस अवसर का इस्तेमाल अग्निपथ योजना के खिलाफ किया। एसयूसीआई जैसे वामपंथी संगठनों और माकपा के युवा और छात्र विंग ने चल रहे आंदोलन का समर्थन किया, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है और रेल और सड़क यातायात बाधित हुआ।
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इसके अलावा जमुई के सांसद चिराग पासवान ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर नई प्रणाली की समीक्षा की मांग की है। बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि नई योजना के तहत आयु सीमा 2022 के लिए 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष की जाएगी। यह कदम इस बात को ध्यान में रखकर उठाया गया कि पिछले कुछ वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई है।