आगरा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दूसरे कार्यकाल में बेहद ही सख्त है। अवैध कब्जों पर जमकर बुलडोजर चल रहा है और भूमाफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। लेकिन आगरा में आवास विकास की करोड़ों की जमीन को फर्जी तरीके से हड़पने वाले भूमाफिया पर अभी भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अफसरों की मिलीभगत के कारण भूमाफिया करोड़ों रुपयों की जमीन का घोटाला करके खुलेआम सरकार को मुंह चिढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इसकी शिकायत की गई थी। शिकायत पर उन्होंने जांच के आदेश दिए थे लेकिन अफसरों की मिलीभगत के कारण भूमाफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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ये है पूरा मामला
713/714 स्थित मौजा गैलाना भूमि प्रकरण मामला किसी से छिपा नहीं है। यह प्रकरण लगातार सुर्खियों में रहा है क्योंकि इस भूमि को भारत नगर हाउसिंग जो कि ओपी चैन्स ग्रुप की कंपनी है उसके मालिकों ने धोखाधड़ी के माध्यम से भारत नगर गृह निर्माण समिति की जमीन को कब्जा लिया था। इस पूरे मामले में भारत नगर गृह निर्माण समिति के सह सचिव योगेश महाजन लगातार शिकायत करते रहे लेकिन स्थानीय स्तर से लेकर शासन तक कोई सुनवाई नहीं हुई। आलम यह रहा कि समिति के सह सचिव योगेश महाजन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगरा आगमन पर मुलाकात की और खुद उनको इस प्रकरण से अवगत कराकर शिकायती पत्र सौंपना पड़ा।
अभी तक 35 शिकायत आईजीआरएस में कर चुका है पीड़ित
भारत नगर गृह निर्माण समिति के सह सचिव इस पूरे मामले को लेकर अभी तक आईजीआरएस में 35 शिकायत कर चुके हैं लेकिन शिकायत आवास विकास स्थित एक बड़े जमीन घोटाले से जुड़े होने और इसमें कई बड़े लोगों के शामिल होने के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई है। हालांकि, मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद इसमें उच्च स्तरीय जांच का जबाब मिला है।
आइजीआरएस शिकायत संख्या 12146210114842 पर हुई कार्यवाही
मुख्यमंत्री से शिकायत होने के बाद आइजीआरएस शिकायत संख्या 12146210114842 पर हुई कार्यवाही हुई है। आवास आयुक्त अजय चौहान ने इस सम्बंध में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश आवास एवं शहरी नियोजन को पत्र लिखकर इस संबंध में शासन स्तर से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि परिषद की सिकंदरा योजना आगरा में भारत नगर हाउसिंग सोसायटी को भूमि आवंटन की शिकायत के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए परिषद के पत्र संख्या 1650/अनुशा0-89/2017(3242) दिनांक 10/6/2020 (प्रति संलग्न) द्वारा प्रकरण में शिकायतें मुख्यमंत्री के संदर्भ से आच्छादित होने तथा प्रकरण में शिकायतें विभिन्न स्तरों पर बड़ी धनराशि का वचन संभावित होने की दृष्टि से इस संबंध में शासन स्तर से जिसमें परिषद का कोई अधिकारी सम्मिलित ना हो विस्तृत जांच करवाकर कार्रवाई करने वस्तु स्थिति से अवगत होते हुए उक्त आईजीआरएस शिकायत निक्षेपित कराने का कष्ट करें का अनुरोध किया गया है।
एंथम आवासीय योजना को लगेगा झटका
आईजीआरएस शिकायत पर जांच शुरू हो जाने पर भारत नगर हाउसिंग के शोभित गोयल को बड़ा झटका लगेगा तो वही भारत नगर हाउसिंग के आवास विकास में एंथेला व एंथम प्रोजेक्ट भी रुक सकता है। इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट के दोनों माननीय न्यायधीशों ने भारत नगर हाउसिंग के मोहित गोयल की याचिका को रद्द कर उसकी मुश्किलें बढ़ा दी है क्योंकि भारत नगर हाउसिंग ने आवास विकास के साथ मिलकर एंथेला व एंथम प्रोजेक्ट के लिए धांधलेबाजी कर भारत नगर गृह निर्माण समिति की जमीन को कब्जा लिया जिसपर साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने स्टे दिया और काम रुकवाने के आदेश के साथ ही 30/5/2019 अर्पित व अर्चित महाजन को भी पक्षकार बनाया। भारत नगर हाउसिंग के मोहित अग्रवाल इस स्टे के खिलाफ ही हाई कोर्ट गए लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी अपील ठुकरा दी बल्कि न्यायालय सिविल जज सीडी आगरा को इस मामले की सुनवाई जल्द पूरा करने के निर्देश दिए है।
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सपा सरकार में हुआ यह पूरा खेल
बता दें कि, 1980 के करीब भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा 36.7 एकड़ जगह ककरैठा व गैलाना में किसानों से खरीदी गई। इसका उद्देश्य गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल, कॉलेज और कॉलोनी का निर्माण था जिससे पंजाबी व सिख समाज के साथ शहर के लोगों को लाभ मिल सके लेकिन जगह आवास विकास की अधिग्रहण योजना में शामिल होने के कारण भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति की योजना कार्यान्वित नहीं हो सकी। इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, गृहमंत्री बूटा सिंह, मुख्यमंत्री एनडी तिवारी से समिति के प्रतिनिधि संत बाबा साधू सिंह मोनी व योगेश महाजन अन्य सदस्यों के साथ मिले जिससे 2/4/1994 में आवास विकास के साथ सेटलमेंट हुआ जिसमें समिति को लगभग 50 करोड विकास शुल्क देना था जिसके कारण अनुबंध पूरा नहीं हो सका लेकिन तत्कालीन सपा सरकार के सहयोग से अपने आवास विकास के साथ सांठगांठ कर 166.10 करोड़ में 144869 स्क्वायर मीटर जगह नीलामी में ले ली। इस जगह को आवास विकास ने किराया क़िस्त किरायेदारी अनुबंध के रूप में ग्रुप को 75 माह की 25th मासिक किस्तों में दी जो 1 फरवरी 2017 से प्रारंभ होकर 30 मई 2023 को समाप्त होगी।
करोड़ों की जमीन का कौड़ियों में हुआ सौदा
आवास विकास के 713 व 714 मौजा गैलाना मु. की भूमि में जो खेल किया गया। वह भी सोची समझी साजिश है यह जमीन भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति द्वारा खरीदी गई थी और आवास विकास के साथ सेटलमेंट होने के बावजूद भी समिति विकास शुल्क नहीं दे पाई थी। दूसरे पक्ष ने इसका पूरा लाभ उठाया ओपी चैंस ग्रुप की ओर से भारत नगर हाउसिंग फर्म तैयार की गई और उसी के नाम के आधार पर डालकर भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति की 36.7 एकड़ जमीन कौड़ियों के दामों में ले ली। भारत नगर सहकारी गृह निर्माण समिति के पदाधिकारियों ने भूमि का कब्जा बिना किसी प्रतिफल लिए धोखाधड़ी करते हुए उस जमीन को भारत नगर हाउसिंग को दे दी गई है।
₹35000 वर्ग मीटर वाली भूमि 11466 रुपए में कैसे नीलाम हुई
भारत नगर हाउसिंग और आवास विकास की सांठगांठ और धोखाधड़ी इस मामले से ही प्रतीत हो जाती है कि जब क्षेत्र में 35000 वर्ग मीटर भूमि का रेट चल रहा है तो आवास विकास उस भूमि को 11466 वर्ग मीटर के हिसाब से कैसे नीलम कर सकता है? इस पूरे मामले की निष्पक्ष कार्रवाई हो तो आवास विकास के भी कई सफेदपोश अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है इसीलिए तो इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाला हुआ है।