लखनऊ :आजादी के 71 साल गुजर चुके हैं,स्वतंत्र भारत के सफर में मुसलमानों ने कई अहम पड़ाव देखे हैं. बावजूद इसके आज भी मुसलमानों के हालात नहीं बदले हैं और न ही उनके मुद्दे वे अपनी आंखों में एक ख्वाब लिए हुए जी रहे हैं. आजादी के इतने अरसे बाद आज देश का मुसलमान कहां और किस हालत में खड़ा है,इसकी चिंता समाजवादी पार्टी,बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस को बिल्कुल नही है,यही कारण है कि इनके एजेंडे में मुस्लिम समुदाय के लिए भविष्य की कोई योजनाएं नही है और न यह इनके मुद्दों पर चर्चा को तैयार होना दूर की बात यह अपने दलों के मुस्लिम नेताओं को मंच भी साझा कराने को तैयार नही यह भारतीय जनता पार्टी की मुस्लिम विरोधी राजनीति की आड़ में वोट तो थोक में चाहते है लेकिन मुस्लिमो के मुद्दों पर बात करने को तैयार नही है।मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक के बाद जारी बयान में यह बात कही गयी।
बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना यूसुफ अज़ीज़ी व राष्ट्रीय महामंत्री डॉ मुईन अहमद खान ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि सेक्युलरिज्म के बड़े बड़े दावे करने वाले सपा,बसपा,कांग्रेस मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर अबतक मौन है,भाजपा विरोधी राजनीति व सत्ता के प्रबल दावेदार,अखिलेश,प्रियंका,मायावती यह बोलने बताने को तैयार नही है कि मुस्लिम समुदाय के लिये उनका विजन क्या है।
उपरोक्त दलों की स्थित यह हो गयी है कि सपा,बसपा,कांग्रेस अपने दल के मुस्लिम नेताओं को मंच साझा कराने से कतरा रही है लेकिन वोट पर दावा शतप्रतिशत है कि भाजपा के विरोध में यह हमको वोट करे लेकिन मुद्दों पर बात न करे।बोर्ड की कोर कमेटी का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी की तरह सपा,बसपा कांग्रेस अगड़ा,पिछड़ा दलित वर्ग के मुद्दों को चुनाव अभियान में उठा रही है,लेकिन मुस्लिमो पर पूरी तरह से मौन साधे रखा है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर बात करने को तैयार नही है यह क्यों हो रहा है इसका स्पष्टीकरण तीनो दलों व उनके नेताओ को आगे आकर देना चाहिए।उन्होंने कहा कि यदि यह दल मुस्लिम समुदाय के भले के लिये चिंतित है और उनके एजेंडे में कुछ है तो उसकी घोषणाएं करे और गारंटी दे कि भीड़तंत्र के माध्यम से मुस्लिमो की होने वाली हत्याओं की रोकथाम के लिये सख्त कानून बनायेगे,वक्फ जायदाद की सुरक्षा के साथ शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार व अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा के लिये गठित संवैधानिक संस्थाओं सहित अन्य सरकारी संस्थाओं समुदाय के हित के लिये काम करने की पूरी आजादी के साथ आबादी के अनुपात में पूरी भागीदारी देंगे।
बोर्ड के मुख्य प्रवक्ता रियाजुद्दीन बक्खो व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूफी अजमेरी ने कहा कि भाजपा की मुस्लिम विरोधी राजनीति के शिकार मुस्लिम समुदाय को मजबूर समझकर वोट हड़पने की सोचने वाले यह समझ ले कि हमारे पास अनेक विकल्प है।बोर्ड अन्य विकल्पों पर विचार के लिये राष्ट्रीय कमेटी की बैठक बुलाकर अंतिम फैसला लेगा।