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गंगा-यमुना में उद्योगों से गिरने वाले अवजल की जांच करेगा AKTU

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board)  ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) को यूपी और हरियाणा (UP and Haryana) की नदियों के किनारे 196 उद्योगों के अवजल के जांच की दी जिम्मेदारी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र (Vice Chancellor of the University Prof. Pradeep Kumar Mishra) को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

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बता दें कि जीवनदायिनी गंगा और यमुना (Ganga-Yamuna) के जल को स्वच्छ बनाने की मुहिम में जुटी सरकार ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University)  को बड़ी जिम्मेदारी दी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने विश्वविद्यालय को गंगा और यमुना नदी के किनारे यूपी और हरियाणा के 196 उद्योगों के अवजल की जांच का जिम्मा दिया है। इस कार्य के लिए कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र (Vice Chancellor of the University Prof. Pradeep Kumar Mishra) को नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रो0 मिश्र की अगुवाई में विशेषज्ञ जांच कर अपनी रिपोर्ट एजेंसी को सौंपेंगे। ज्ञातव्य हो विश्वविद्यालय को स्थापना से पहली बार यह कार्य दिया गया है।इसके लिए बजट भी आवंटित कर दी गई है।

विशेषज्ञ करेंगे जांच

उद्योगों से निकलने वाला अवजल सीधे नदियों में गिरता है। जिससे नदियां दूषित हो रही हैं। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board)  ने उद्योगों से निकलने वाले अवजल की जांच कराने का निर्णय लिया है। इस काम के लिए एकेटीयू (AKTU) को चुना गया है। इस कार्य में विश्वविद्यालय के अध्यापक, शोध छात्र और विशेषज्ञ कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र (Vice Chancellor of the University Prof. Pradeep Kumar Mishra) के अगुवाई में अवजल की जांच करेंगे।

200 उद्योगों के अवजल पर रहेगी नजर

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गंगा और यमुना (Ganga-Yamuna)  के किनारे उत्तर प्रदेश और हरियाणा में करीब 196 उद्योग लगे हैं। इन उद्योगों से रोजाना काफी मात्रा में अवजल निकलकर गंगा और यमुना (Ganga-Yamuna)  में समाहित हो रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि इन अवजल की जांच की जाए। विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ यूपी में उन्नाव, सीतापुर, लखनउ और वाराणसी एवं हरियाणा के पलवल  के कारखानों की मॉनीटरिंग करेंगे। यहां चर्म उद्योग, टेक्सटाइल, शुगर फैक्टी एवं रासायनिक उद्योगों के अवजल की जांच की जाएगी। विशेषज्ञ इन उद्योगों से निकलने वाले अवजल का सैंपल लेंगे। इन सैंपल की जांच प्रयोगशाला में होगी।

अनुभव का मिलेगा फायदा

कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र (Vice Chancellor of the University Prof. Pradeep Kumar Mishra) ने आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) में रहने के दौरान भी गंगा में गिरने वाले उद्योगों के अवजल की जांच की थी। उस वक्त उन्होंने वाराणसी, कानपुर सहित गंगा बेसिन के किनारे के करीब तीन सौ उद्योगों से निकलने वाले अवजल को परखा था। इसके बाद झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (Jharkhand Technical University) में कुलपति के कार्यकाल के दौरान भी प्रो. मिश्र ने करी 32 उद्योगों के अवजल की जांच कर रिपोर्ट दी थी। ऐसे में गंगा यमुना (Ganga-Yamuna)  में उद्योगों से गिरने वाले अवजल की जांच की जिम्मेदारी काफी अहम है।

 

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