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अन्नपूर्णा देवी का रंग
शास्त्रों में बताया गया है कि अन्नपूर्णा देवी का रंग जवा पुष्प की तरह है। अन्नपूर्णा माता के तीन नेत्र हैं और मस्तक पर अर्धचंद्र विराजमान है। मां अन्नपूर्णा सुंदर आभूषणों से सुशोभित प्रसन्न मुद्रा में स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान रहती हैं। मां अन्नपूर्णा अपने बाएं हाथ में अन्न से भरा हुआ माणिक्य रत्न से जड़ा पात्र और दाहिने हाथ में रत्नों से बना हुआ कड़छुल धारण करती है।
पंचांग के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 14 दिसंबर को शाम 04 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 15 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी।
मां अन्नपूर्णा का ध्यान
ओम ह्रींग अन्नपूर्णाय नमः
ओम ह्रींग अन्नपूर्णाय नमः मन्त्र का जाप करने के पश्चात मां अन्नपूर्णा का ध्यान करके उनसे प्रार्थना करें।
इस दिन सभी लोगों को भोलेनाथ और मां पार्वती के अन्नपूर्णा स्वरूप की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उनसे श्रद्धा पूर्वक यह प्रार्थना करनी चाहिए कि उनके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी ना हो।
इसके पश्चात मां अन्नपूर्णा के मंत्र स्रोत आरती और कथा का पाठ करके पूजा संपन्न करनी चाहिए।