Asafoetida: व्यंजन में हींग का तड़का लगाना स्वाद को बढ़ा देता है। सदियों से भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाली हींग की कीमतों में तेजी आई है। भारत अपनी हींग की कुल आवश्यकता का 85 प्रतिशत अफगानिस्तान से पूरी करता है। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से इस सुगंध वाले करामाती पदार्थ के व्यापार में दोनो देशों के बीच असर पड़ा है। हींग की सप्लाई घटने से कीमतें बढ़ गई हैं।
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हींग का आयात घट गया
भारत हींग के लिए हींग के लिए अफगानिस्तान पर निर्भर करता है। इसकी मुख्य वजह है कि, सेहत को बनाने वाली हींग हींग का पौधा अत्यधिक ठंड और शुष्क मौसम में ही उगता है। हींग उत्पादन के लिए अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और कजाकिस्तान का मौसम सबसे ज्यादा अनुकूल है। जबसे तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है तब से हींग का आयात घट गया है। अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां व्यापरिक गतिविधयों पर असर पड़ा है।
खबरों के अनुसार,काबुल में तालिबान के सत्ता संभालने के एक साल बाद, भारत का दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के साथ व्यापार फिर धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। जबकि भारत से अफगानिस्तान को होने वाला निर्यात पिछले साल अगस्त में गिरकर 2.4 करोड़ रह गया। अफगानिस्तान में बदले हालात के बाद हींग का आयात बहुत अधिक घट गया है। हालांकि हींग का आयात दोबारा शुरू हुआ हैै। लेकिन यह मांग के अनुरूप नहीं है। भारत हींग का निर्यात भी करता है। अमेरिका, यूएई और यूके में रह रहे भारतीयों के लिए भारत हींग को प्रोसेस करने के बाद इसका निर्यात करता है।
लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने के किसी भी प्रस्ताव पर भारत सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। ऐसे में हींग का आयात बढ़ने की संभावना भी कम हो गई है।