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Basant Panchami 2022 : बसंत पंचमी पर होगा सिद्ध, साध्य, रवि योग का संगम , इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

By संतोष सिंह 
Updated Date

Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी (Basant Panchami) 5 फरवरी दिन शनिवार को श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी। इस दिन सिद्ध (Siddha) , साध्य (Sadhya), रवि योग (Ravi Yoga) का संगम होने जा रहा है। बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर ज्ञान और विद्या की देवी (Goddess of Learning) मां सरस्वती (Goddess Saraswati) की पूजा होती है।

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बता दें कि देश के कई हिस्सों में बसंत पंचमी (Basant Panchami) श्री पंचमी (Sri Panchami) और सरस्वती पंचमी (Saraswati Panchami) के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित गोरखनाथ मिश्र ने बताया कि 5 फरवरी दिन शनिवार को बसंत पंचमी त्रिवेणी योग में मनाई जाएगी। त्रिवेणी योगी की वजह से ये बसंत पंचमी शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले लेने और शिक्षा शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जा रही है।

तीन शुभ योगों का हो रहा संगम

बसंत पंचमी (Basant Panchami)  से ही बसंत ऋतु (Spring Season)की शुरुआत हो जाती है। ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है.।इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है। इस बार बसंत पंचमी (Basant Panchami)  पर त्रिवेणी योग बन रहा है। 4 फरवरी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 40 मिनट तक सिद्धयोग रहेगा। वहीं 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक साध्य योग रहेगा। इसके अलावा इस दिन दिन रवि योग का शुभ संयोग होने से त्रिवेणी योग बन रहा है।

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

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माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। बसंत पंचमी (Basant Panchami)  की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त (shubh muhurt) सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा।

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी (Basant Panchami)  मां सरस्वती (Goddess Saraswati)  की पूजा का दिन है। शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन कई लोग गृह प्रवेश भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में कभी अड़चनें नहीं आती हैं।

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