नई दिल्ली। अगर आप भी है पान और गुटखा खाने के शौकीन तो आपको इस खबर पर ध्यान देने की जरुरत है। पान मसाले में कई कंपनियां कत्था नहीं बल्कि चमड़े को रंगने वाले केमिकल गैंबियर मिला रही हैं। अलीगढ़ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा लिए गए शिखर, प्रधान व पानबहार मसालों के नमूनों की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।
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गैंबियर कानपुर की टेनरियों में चमड़े को रंगने में प्रयोग किया जाता है। पान मसाले के सेवन से कैंसर हो सकता है। इसके बावजूद लोग इसका सेवन करते हैं। जिस पानमसाले में कत्था, केसर सहित अन्य पदार्थों के मिलाने का दावा किया जाता है। बता दें कि इंडोनेशिया में गैंबियर बबूल के जंगलों की तरह फैला हुआ है।
यह पेड़ की छाल, पत्तियों और जड़ को पीसकर बनाया जाता है। भारत आने से पहले इसका कई चरणों में रसायनों को भी मिलाया जाता है। गैंबियर का इस्तेमाल चमड़े की टैनिंग में किया जाता है। यानि यह कच्चे चमड़े को पकाने का काम करता है।