Bhagavan Shree Ganesh : प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश , ग्रह मंडल के राजकुमार है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, किसी कार्य की शुरुआत करने के पहले श्री गणेश भगवान की पूजा की करने की जाती है। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान श्री गणेश कार्य को सिद्ध करेंगे। इन्हें सिद्धिविनायक भी कहा जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र है भगवान गणेश। इन्हें मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। भगवान श्री गणेश की सवार मूषक है। हिंदू धर्म की सभी पूजा में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा का विधान है। भगवान गणेश अपने भक्तों को कार्य सिद्ध होने का आर्शीवाद प्रदान करते है। सप्ताह में बुधवार का दिन गणेश भगवान को समर्पित है।
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बुध के दिन हरे रंग का वस्त्र पहन कर गणपति महाराज की पूजा की जाती है। बुधवार के दिन प्रात:काल स्नान करके भगवान श्री गणेश महाराज की हल्दी ,चंदन,रोली, गंगाजल, धूप ,दीप , नैवेद्य से पूजा की जाती है।
श्री गणेश मंत्र
गणपति जी का बीज मंत्र ‘गं’ है। इनसे युक्त मंत्र- ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है।