नई दिल्ली: व्यापारियों का शीर्ष संगठन द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट ने जीएसटी (GST) व्यवस्था को सरल बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया है। इसके साथ कैट के समर्थन में सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी शुक्रवार को चक्का जाम की घोषणा की है। ऐसे में सभी व्यावसायिक बाजारें आज (26 फरवरी) को बंद रहेंगी।
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जानिए क्या है प्रमुख मांगें?
एमेजॉन जैसे रिटेल चेन के बढ़ते प्रभाव और कथित मनमानी से देश के खुदरा दुकानदार काफी नाराज हैं। साथ ही, दुकानदार वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बदलाव की भी मांग कर रहे हैं। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और ई-वे बिल में आने वाली समस्या को लेकर भी ट्रांसपोर्टर्स विरोध कर रहे हैं। बता दें कि किसी माल की ढुलाई की जाती है तो जीएसटी के ई-वे बिल पोर्टल पर उसका एक इलेक्ट्रॉनिक बिल तैयार किया जाता है। जीएसटी में रजिस्टर्ड कोई भी व्यापारी या व्यक्ति किसी वाहन में निर्धारित सीमा से ज्यादा माल बिना ई-वे बिल के नहीं ले जा सकता।
इस बिल की वैधता हर 200 किमी की दूरी के लिए केवल एक दिन होती है। सेंट्रल जीएसटी एक्ट की धारा 129 के अनुसार, ई-वे बिल न होने पर वाहन जब्त कर लिए जाते हैं। ऐसे में अब व्यापारियों का कहना है कि उनके पास सही इनवाइस होने पर भी अगर ई-वे बिल में कोई एरर है तो माल के मूल्य के 100 फीसदी या लगने वाले टैक्स के 200 फीसदी तक का जुर्माना लगा दिया जाता है। ठीक ऐसे ही किसी के पास ई-वे बिल न होने पर भी ऐसा ही जुर्माना लगाया जाता है। इस पूरी व्यवस्था को ट्रांसपोर्टर्स नाकाम बताते हुए इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
इसी तरह ट्रांसपोर्टर्स ईंधन और खासकर डीजल के बढ़ते दामों से काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि ईंधन पर टैक्स घटाकर इनके बढ़ते दामों पर अंकुश लगाया जाए और देशभर में इनकी एक समान कीमत हो। कन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की मांग है कि जीएसटी नियमों में संशोधन कर टैक्स स्लैब को और सरल बनाया जाए। कैट ने जीएसटी के कई प्रावधानों को ‘मनमाना’ और कठोर’ बताते हुए उन्हें खत्म करने की मांग की है। इसके अलावा कैट एमेजॉन जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा कथित रूप से नियमों के उल्लंघन और मनमानी का भी विरोध कर रहा है और इन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।
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जानिए कब तक होगा प्रदर्शन
वहीं, इस मामले को लेकर कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल को कहना है कि 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से माल एवं सेवा कर (GST) के कठोर प्रावधानों को समाप्त करने की मांग को लेकर धरना दिया जाएगा। ऐसे में इस दिन देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे। साथ ही, सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
इस बीच भारत सरकार द्वारा पेश किए गए नए ई-वे बिल कानूनों के विरोध में सभी राज्य स्तरीय-परिवहन संघों ने कैट का समर्थन किया है। ऐसे में इस दौरान ट्रांसपोर्ट के कार्यालयों को पूरी तरह बंद रखने का ऐलान किया गया है। इसकी वजह से किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई/उतराई नहीं होगी। सुबह 6 से शाम के 8 बजे के बीच सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए अपने वाहन पार्क करने के लिए कहा गया है।