लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (Legislative Assembly Elections of Uttar Pradesh) को देखते हुए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण (Bhim Army Chief Chandrashekhar alias Ravana) ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के खिलाफ खुद मैदान में उतरेंगे। बता दें कि इससे पहले चंद्रशेखर यूपी की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि कि चंद्रशेखर ने गठबंधन पर भी अपनी स्थिति साफ नहीं की है।
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एक न्यूज चैनल से बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा कि जहां से भी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) चुनाव लड़ेंगे वहीं से वह भी मैदान में उतरेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी की कोर कमेटी करती है। अगर आप मेरी इच्छा पूछेंगे तो मैं वहीं से चुनाव लड़ूंगा जहां से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) लड़ेंगे। पिछले साढ़े चार साल में उन्होंने जिस तरह से लोगों पर अत्याचार किये हैं। उसका बदला लेने के लिए उनके खिलाफ चुनाव लड़ूंगा और उन्हें विधानसभा में घुसने नहीं दूंगा। योगी जहां से वह लड़ेंगे, वहीं से लड़ूंगा।
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि योगी को हराने के लिए किसी मजबूत प्रत्याशी को ही मैदान में उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जब बात करते हैं कि भाजपा को रोकना है तो इसका मतलब योगी को रोकना जरूरी है। योगी भाजपा (BJP) के सबसे मजबूत प्रत्याशी हैं। ऐसे में उनके खिलाफ मजबूत प्रत्याशी ही होना चाहिए। अखिलेश या बहन मायावती (Mayawati) को लड़ना चाहिए। अगर दोनों लोग नहीं लड़ते तो मुझे छोड़ दें लड़ने के लिए और मुझे सपोर्ट करें। अगर सपा-बसपा (SP-BSP) भी कोई प्रत्याशी देती है। तो योगी को ही मजबूती देगी। मेरी मांग भी रहेगी कि विपक्ष के लोग भी इस पर सोचें। जब मैं जनता के बीच जाऊंगा तो लोग जानते हैं कि यह बिकाऊ नहीं टिकाऊ व्यक्ति है, भागेगा नहीं। जब मैं योगी के खिलाफ उतरूंगा तो उन्हें सदन में नहीं जाने दूंगा।
गठबंधन की बात पर चंद्रशेखर ने कहा कि मेरी प्राथमिकता बसपा रहेगी। बसपा की तरफ से मेरा लगातार अपमान किया गया, इसके बाद भी मेरी प्राथमिकता बसपा (BSP) से गठबंधन की है। हम चाहते हैं कि आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) और बसपा का गठबंधन हो जाए। मायावती उन्हें पसंद नहीं करतीं, इस सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि दलित वोटर किसी का गुलाम नहीं है। आजादी के समय कांग्रेस के साथ रहा। रामविलास पासवान, जगजीवन राम, मान्यवर कांशीराम और बहन जी के साथ रहा। दलित समाज हमेशा लड़ने वाले नेता को पसंद करता है। मेरे लिए बहुजन समाज सर्वोपरी है। इसलिए मैंने पहल की है और चाहता हूं कि भाजपा (BJP) को रोकने के लिए बसपा और आजाद समाज पार्टी को साथ आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव बाद बहुजन समाज (Bahujan Samaj) की लड़ाई कोई नहीं लड़ने के लिए आएगा। तब आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) और भीम आर्मी ही लड़ने के लिए आएगी। जब दलितों के घर जलाए जाएंगे, उन पर अत्याचार होगा तो हमारी पार्टी ही सड़क पर लड़ने आएगी। प्रियंका गांधी या अखिलेश से गठबंधन पर उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी करेगी। फिलहाल गठबंधन के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं। हमारी प्राथमिकता भाजपा (BJP)को हराना है।