चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Elections) 30 जनवरी को सुबह दस बजे होंगे। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने आप (AAP) और कांग्रेस (Congress) की याचिका मंजूर करते हुए कहा कि पार्षदों के साथ समर्थक या बाहरी राज्य की सुरक्षा नहीं होगी। मतदान चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) की निगरानी में होगा।
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बता दें कि डीसी के छह फरवरी को चुनाव करवाने के आदेश को चुनौती देते हुए आप (AAP) व कांग्रेस (Congress) के गठबंधन से मेयर पद के दावेदार कुलदीप कुमार ने हाईकोर्ट (High Court) में याचिका दाखिल की थी। याचिका में दलील दी गई थी कि डीसी को यह अधिकार ही नहीं है कि वह एक बार चुनाव के लिए बैठक की तारीख तय होने के बाद इस प्रक्रिया में दखल दे सके।
इस पर हाईकोर्ट (High Court) ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि महाभारत का युद्ध 18 दिन में समाप्त हो गया था और प्रशासन 35 पार्षदों के मतदान वाले चुनाव के लिए इतना समय मांग रहा है, इसे कैसे जायज करार दिया जा सकता है। हाईकोर्ट (High Court) ने प्रशासन को कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सम्मान दें और जल्द चुनाव की तारीख लेकर बुधवार को आएं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम चुनाव की तारीख तय कर देंगे।
याचिका पर सुनवाई के दौरान 6 फरवरी तारीख तय करने पर प्रशासन की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया। प्रशासन ने कहा कि 26 जनवरी तक अति संवेदनशील समय के चलते चुनाव नहीं करवाया जा सकता। इसके बाद दो दिन पुलिस बल को आराम के लिए दिए गए हैं और 29 तारीख को एक बैठक है, ऐसे में इसके बाद ही चुनाव करवाया जा सकता है। हाईकोर्ट (High Court) ने इस पर प्रशासन के रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन मेयर चुनाव (Mayor Elections) को महाभारत बना रहा है और 18 दिन का समय मांग रहा है। 18 दिन में महाभारत की लड़ाई पूरी हो गई थी और 35 पार्षदों के मतदान से मेयर चुनाव (Mayor Elections) के लिए इतनी अवधि मांगी जा रही है, इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है।
कानून-व्यवस्था व्यवस्था की दलील पर फटकार
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सुनवाई के दौरान प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की दलील दी तो हाईकोर्ट (High Court) ने कहा कि यहां कोई भारत-पाकिस्तान की लड़ाई नहीं है जो इस तरह की दलीलें दी जा रही हैं। यदि आप चुनाव नहीं करवा सकते तो कह दीजिए कि आप सक्षम नहीं हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सम्मान दें और जल्द से जल्द चुनाव की तारीख लेकर आएं। पिछली सुनवाई पर प्रशासन ने कहा था कि कानून-व्यवस्था की समस्या के चलते 18 जनवरी को चुनाव नहीं कराए जा सके थे। हाईकोर्ट ने इस पर फटकार लगाते हुए कहा था कि यह डीजीपी (DGP) की नाकामी है।