झूंसी। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के सातवें चरण के मतदान से पहले गुरुवार को झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम पहुंचे गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज (Govardhan Math Puri Peethadheeswar Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati Ji Maharaj) ने कहा कि केंद्र में सरकार चाहे जिसकी बने, लेकिन साधु-संतों का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) तो ईमानदार हैं, लेकिन इनके नाम पर भाजपा के कई राजनेता और मंत्री भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
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बतातें चलें कि गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Govardhan Math Puri Peethadheeswar Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati) अपने तीन दिवसीय प्रवास पर गुरुवार को बागेश्वरधाम से झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम पहुंचे। इस दौरान वह पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
शंकराचार्य ने कहा कि केंद्र में सरकार किसी भी गठबंधन या पार्टी की बने, लेकिन व्यास पीठ का सम्मान होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनका किसी भी पार्टी के साथ कोई सरोकार नहीं है। चुनावी बेला में किसी भी पार्टी या फिर गठबंधन के पक्ष व विपक्ष में बोलना अनुचित है। शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म और व्यास पीठ का सम्मान सुरक्षित रहे, यही उनकी कामना और इच्छा है। देश की सीमा की सुरक्षा का ध्यान तो शासनतंत्र को है, लेकिन व्यास पीठ पर प्रतिष्ठित और प्रामाणिक धर्माचार्य हैं, उनको अनुगामी बनाकर रखने का कर्तव्य भी केंद्रीय शासन तंत्र को ही निभाना होगा।
देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों और मुगलकाल के शासन में भी कोई अराजक धर्माचार्य या फिर शंकराचार्य बनकर नहीं घूमता दिखाई दिया था। अंग्रेज हिंदुओं के हिमायती या पक्षधर नहीं थे। उन्हें पता था कि हिंदुओं के यहां अगर विसंगति उत्पन्न हुई तो दूसरे आतंक फैलाने वाले होंगे। पुरी शंकराचार्य ने आगे कहा कि लोग अपने विवेक का परिचय देकर मतदाता अपने मत का उपयोग करें। कहा कि देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) तो ईमानदार हैं, लेकिन उनके नाम पर अन्य राजनेता व मंत्री भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
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विकास के नाम पर अगर विनाश होगा तो गंगा प्रदूषित होंगी, गंगा तो अपने उद्गम स्थल उत्तराखंड पर ही मैली हो गईं हैं
गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Puri Peethadheeswar Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati) ने कहा कि विकास के नाम पर अगर विनाश होगा तो गंगा प्रदूषित होंगी। गंगा तो अपने उद्गम स्थल उत्तराखंड पर ही मैली हो गईं हैं। गंगा वहीं पर विलुप्त हो गई हैं। कहा कि महायंत्रों के ज्यादा प्रयोग होने से ही प्रदूषण और तपिश बढ़ रही है। विकास का मापदंड ही गलत है। पेड़-पौधों और जंगल के कटने से हम विनाश की ओर बढ़ रहे हैं।
महानगर को इस वक्त विकास का मानक बना दिया गया है। महानगर में शुद्ध पानी, मिट्टी,मनोभाव और संयुक्त परिवार की पहुंच नहीं है। इसी कारण से विकास के नाम पर विनाश हो रहा है। सृष्टि की संरचना का प्रयोजन ही मानव जीवन की सार्थकता है। इस मौके पर राजेश गोंड, अविनाश दुबे, विभव भारती, संतोष त्रिपाठी, त्यागी महाराज, राजेश ब्रह्मचारी,सुरेश सिंह,प्रफुल्ल ब्रह्मचारी, सत्यम, विवेक मिश्र, आयुष सिंह, दीपक शुक्ला, राजीव मिश्र राणा, नरेंद्रदेव तिवारी, सुरेंद्र पांडेय, बीपी सिंह, प्रताप दुबे, अजय पांडेय आदि मौजूद रहे।