कानपुर। कानपुर (Kanpur) के चर्चित बिकरू कांड (Bikru Case) के मामले में न्यायिक आयोग (judicial commission) ने भी शहर में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव (DIG Anant Dev) समेत आठ पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है। पूर्व में एसआईटी (SIT)भी इन राजपत्रित अधिकारियों को आरोपियों से मिलीभगत, लापरवाही के आरोपों में दोषी ठहरा चुकी है। इनमें चार अफसरों के खिलाफ वृहद दंड के तहत पीठासीन अधिकारी आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह सुनवाई कर रही हैं। अन्य को लघु दंड के तहत दंडित किया गया।
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बता दें कि बिकरू कांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने शहर में तैनात रहे तत्कालीन डीआईजी अनंत देव (DIG Anant Dev), पूर्व एसपी ग्रामीण प्रद्युमभन सिंह, तत्कालीन सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी, तत्कालीन सीओ एलआईयू सूक्ष्म प्रकाश को वृहद दंड के तहत दोषी ठहराया गया है। विभागीय कार्रवाई इन सभी राजपत्रित अफसरों के खिलाफ जारी है।
वहीं लघु दंड के तहत तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी, तत्कालीन एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव, पूर्व सीओ बिल्हौर नंदलाल और पासपोर्ट नोडल अफसर अमित कुमार को दोषी पाया है। इन सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
क्या आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी?
एसआईटी की रिपोर्ट (SIT Report) के आधार पर लघु दंड के तहत दोषी पाए गए पुलिस अफसरों को नोटिस भेज चेतावनी दी जा चुकी है। अब देखना है कि क्या आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी? क्योंकि तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी वारदात से दो सप्ताह पहले व तत्कालीन एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव की दो दिन पहले ही तैनाती हुई थी। इसलिए उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
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जांच पूरी होने के बाद ये दोषी अफसर किए जाएंगे दंडित
लखनऊ आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह (Lucknow IG Range Laxmi Singh) ने बताया कि चार अफसरों के खिलाफ जांच कर रही हैं। हाल में पूर्व एसपी ग्रामीण प्रद्युमभन सिंह, तत्कालीन सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी, तत्कालीन सीओ एलआईयू सूक्ष्म प्रकाश ने उनको अपने-अपने बयान दर्ज कराए हैं। सूत्रों के अनुसार इन सभी अफसरों के खिलाफ चल रही जांच अंतिम दौर में है। जांच पूरी होने के बाद ये दोषी अफसर दंडित किए जाएंगे।
एक-एक आरोपी की पूरी संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत की जाएगी जब्त
बिकरू कांड (Bikru Case) के जिन 34 आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर (Gangster) की कार्रवाई की थी, अब उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एडीजी जोन ने संबंधित अफसरों को 10 दिन के भीतर इन आरोपियों की एक-एक संपत्ति चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। उसके बाद टीम गठित कर एक-एक आरोपी की पूरी संपत्ति गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत जब्त की जाएगी।