नई दिल्ली। कानपुर के चर्चित बिकरू कांड (Bikru case) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार (UP Government) को जांच समिति की रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि विकास दुबे मुठभेड़ मामले (Vikas Dubey Encounter Case)में आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में सिफारिशों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया।
पढ़ें :- IND vs SA 4th T20I: भारत ने टॉस जीतकर किया बल्लेबाजी का फैसला; देखें प्लेइंग इलेवन
जानें क्या है बिकरू कांड?
कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे (Kanpur gangster Vikas Dubey) और उसके गुर्गों ने डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी थीं। पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में 54 आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल अभी भी जारी है। तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी सहित, भीटी प्रधान जिलेदार यादव सहित कई लोग गैंगेस्टर का साथ देने में जेल की हवा खा रहे हैं। दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था।
एफआईआर दर्ज (Register FIR) करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई। यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे। घर पर पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी लगाई थी। पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने उन पर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। पुलिसकर्मियों की हत्या कर ये सभी फरार हो गए थे।