CDS Bipin Rawat Passed away : विमान हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) व उनकी पत्नी समेत 13 लोग शहीद हो गए हैं। अब सबसे अहम सवाल यह है कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) के बाद देश के सीडीएस (CDS) पद का भार कौन संभालेगा? क्या फिर से इस पद के अधिकार राष्ट्रपति के सैन्य अधिकारों में समाहित हो जाएंगे? ऐसे ही कई सवाल हैं, जिनके जवाब लोग जानना चाहते हैं?
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इस दुखद घटना की जानकारी मिलने के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS ) की अहम बैठक हुई। रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक में देश के अगले सीडीएस (CDS) के नाम पर चर्चा भी हुई है। बता दें कि चीन से टकराव के बीच सरकार के लिए किसी सैन्य अफसर को इस अहम पद की जिम्मेदारी सौंपना जरूरी हो गया है।
हालांकि आधिकारिक तौर पर तो सीसीएस (CCS की बैठक से कोई बड़े एलान की बात सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि मीटिंग के दौरान नेताओं ने सीडीएस पद के लिए जिन वरिष्ठ सैन्य अफसरों के नाम पर चर्चा हुई है। उनमें आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) का नाम सबसे ऊपर है। इसकी एक वजह यह है कि जनरल नरवणे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) के प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ हैं। जहां जनरल नरवणे ने को सेना प्रमुख का प्रभार संभाला था। वहीं एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Choudhary) को वायुसेना का प्रमुख पद इसी साल 30 सितंबर और एडमिरल हरि कुमार (Admiral Hari Kumar) को नौसेना का प्रमुख 30 नवंबर को बनाया गया था।
जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane)सेना प्रमुख के पद से अगले साल अप्रैल में रिटायर होने वाले हैं। सेना के संशोधित नियमों के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद पर कोई सैन्य अधिकारी 65 साल की उम्र तक सेवा दे सकता है। वहीं, तीनों सेना प्रमुख का कार्यकाल 62 साल की उम्र या तीन साल (जो भी पहले हो) तक का होता है।
बता दें कि बारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 19 महीने से टकराव की स्थिति बरकरार है। इस हिस्से में सेना को मजबूत करने के लिए सीडीएस रावत बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे थे। फिर चाहे वह योजना बनाने का काम हो या ट्रेनिंग या फिर रसद मुहैया कराने का। जनरल रावत तीनों सेनाओं और रक्षा मंत्रालय के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए एक पुल की तरह काम कर रहे थे। ऐसे में सरकार चाहेगी कि सेना के जल्द से जल्द उनके बदले एक अनुभवी सीडीएस मिले।