नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Union Minorities Minister Mukhtar Abbas Naqvi) का राज्यसभा का कार्यकाल 29 जून को खत्म हो रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने रामपुर लोकसभा सीट (Rampur Lok Sabha seat) के सियासी समीकरणों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी उन्हें वहां से मैदान में उतारने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में नकवी को रामपुर सीट पर उतार कर बीजेपी भगवा परचम लहराने को बेताब दिख रही है।
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ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी के सामने एक चुनौती यह भी है कि यदि वे संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं रहते हैं तो 6 महीने के अंदर उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। लिहाजा राजनीतिक गलियारों में उनके रामपुर लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रामपुर में हुनर हॉट भी लगवाया था। इसके अलावा महीने-दो-महीने पर रामपुर का दौरा करते रहे हैं। रामपुर सीट पर 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता है। बीजेपी नकवी के जरिए मुस्लिम और हिंदू वोटों का कॉम्बिनेशन बनाकर जीत का परचम फहराने का दांव चल सकता है। मुख्तार अब्बास नकवी को भी अपने मंत्री पद को बचाए रखने के लिए छह महीने में संसद पहुंचना होगा। ऐसे में राज्यसभा से खाली हाथ होने के बाद फिलहाल उनके पास रामपुर सीट से चुनाव लड़ने का ही विकल्प बचा है।
बता दें कि नकवी 1998 में पहली बार रामपुर सीट से ही जीतकर सांसद बने थे। तब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया था। मुख्तार अब्बास नकवी, वर्तमान में नरेन्द्र मोदी सरकार के मंत्री हैं। बीजेपी में उन्होंने अपने लिए खास जगह बनाई है। पार्टी के तरफ से जारी राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में नकवी का नाम न होने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पार्टी नकवी को आजम खान के गढ़ रामपुर के मैदान में उतारने का मन बना चुकी है। आजम खान के इस्तीफा देने से खाली हुई रामपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव की घोषणा भी हो चुकी है। बीजेपी इस बार इस सीट को जीतने की पूरी कोशिश कर रही है। लिहाजा पार्टी रामपुर से नकवी के पुराने रिश्ते को देखते हुए उन पर दांव लगा सकती है।
हार गए थे 1999 और 2009 का चुनाव
मुख्तार अब्बास नकवी 1998 में पहली बार रामपुर सीट से लोकसभा में पहुंचे थे। उन्होंने कुल तीन बार इस सीट से चुनाव लड़ा लेकिन 1999 और 2009 में वह चुनाव हार गए थे। 1998 के बाद नकवी कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं जीत सके तो बीजेपी ने उन्हें झारखंड से राज्यसभा में भेजा। नकवी ने पिछले 13 साल से भले कोई चुनाव नहीं लड़ा लेकिन रामपुर में वह लगातार सक्रिय रहे हैं।
सपा ने नहीं खोले पत्ते
बसपा ऐलान कर चुकी है कि वो रामपुर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। जबकि समाजवादी पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अखिलेश और आजम खान की नाराजगी के बीच राजनीतिक गलियारों में इस पर भी कयास लग रहे हैं कि इस बार सपा का उम्मीदवार आजम परिवार से होगा या नहीं।
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