मुंबई। पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी सांसद वरुण गांधी (BJP MP Varun Gandhi) किसान आंदोलन और लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) को लेकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। वरुण गांधी की इस मुहिम को अब शिवसेना का साथ मिल गया है। शिवसेना (Shiv Sena) ने सोमवार को कहा कि वरुण गांधी (Varun Gandhi) के समर्थन की तारीफ की। शिवसेना (Shiv Sena) ने कहा कि सभी किसान संगठनों को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में वरुण गांधी (Varun Gandhi) की तारीफ करते हुए यह भी पूछा है कि इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के पोते का खून तो खौल उठा । उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया लेकिन क्या दूसरे सांसदों के खून में बर्फ का ठंडा पानी बह रहा है?
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सामना के लेख में लिखा है कि वरुण गांधी (Varun Gandhi) भी इंदिरा गांधी के पोते और संजय गांधी के पुत्र हैं। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) की भयंकर घटना को देखकर उनका खून खौल उठा। उन्होंने मत व्यक्त किया, लेकिन अन्य सांसदों के खून में बर्फ का ठंडा पानी बह रहा है क्या?
इसके आगे शिवसेना (Shiv Sena) ने कहा कि किसानों की हत्या, उनके खून का सैलाब देखकर सत्ताधारी पक्ष के लोगों का खून ठंडा ही पड़ गया होगा। तो देश को बचाने के लिए नया स्वतंत्रता आंदोलन (New Freedom Movement) खड़ा करना होगा। वरुण गांधी (Varun Gandhi) के अभिनंदन का प्रस्ताव सभी किसान संगठनों को करना चाहिए। उन्होंने किसानों पर अन्याय का निषेध किया और उसकी कीमत चुकानी पड़ी, तब भी परवाह नहीं की। उन्होंने खुलकर किसान आंदोलन (Farmer Movement) का पक्ष लिया।
आगे लिखा है कि वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने खुलकर किसानों के आंदोलन का पक्ष लिया। किसानों को कुचलकर मारनेवाले गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसमें उन्होंने क्या गलत किया? वरुण गांधी (Varun Gandhi) साहस के साथ बोले। औरों का मन इस मुद्दे पर कम-से-कम अंदर-ही-अंदर व्यथित हो रहा होगा। लखीमपुर में किसानों के हत्याकांड को लेकर जो असंख्य लोग वरुण गांधी (Varun Gandhi) की तरह अपनी-अपनी भावना निडर होकर व्यक्त नहीं कर सके, ऐसे सभी लोगों के लिए यह आज का ‘महाराष्ट्र बंद’ है।