नई दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामलों के बीच 2022 में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) को लेकर सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) और स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की बैठक हुई है। इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने चुनाव आयोग को कोरोना वायरस (Coronavirus)के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक ओमिक्रॉन घातक नहीं है, लेकिन तेजी से फैलता है। ऐसे में बचाव के साधन अपनाने और सतर्कता संबंधी कदम उठाने की जरूरत है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए राज्य सरकारें सभी तरह के जरूरी कदम उठा रही हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जिन राज्यों में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। वहां विशेष नजर रखी जा रही है। चुनाव संबंधी राज्यों में अभी ओमिक्रॉन के ज्यादा मामले नहीं है, लेकिन जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। वयस्कों का टीकाकरण अभियान जारी है और बच्चों का टीकाकरण जल्द शुरू होने जा रहा है।
राजेश भूषण को विस्तृत रिपोर्ट के साथ जनवरी के पहले सप्ताह में बैठक करने को कहा है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हैं। उनकी पूरी रिपोर्ट जैसे वहां कितने कोरोना केस हैं, वैक्सिनेशन की स्थिति और कैसे केंद्र राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस पर 5 जनवरी को बैठक होगी। इसके बाद ही तय किया जा सकेगा कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव कब होंगे?
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उन राज्यों में फोकस जहां टीकाकरण की रफ्तार है काफी कम
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन राज्यों को टीकाकरण बढ़ाने को कहा था, जहां इसकी रफ्तार काफी कम है। स्वास्थ्य सचिव ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कम टीकाकरण कवरेज वाले इलाके ओमिक्रॉन के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। जिला प्रशासन को इन इलाकों में टीकाकरण पर विशेष ध्यान देना होगा। 2022 में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव प्रस्तावित है।