मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court)ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को चिकित्सा के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया है। मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Gangster Dawood Ibrahim) और उसके सहयोगियों से जुड़े एक मामले में फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था। राकांपा नेता को न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में रखा गया है और वर्तमान में उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
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मलिक ने चिकित्सा के आधार पर जमानत के लिए अपील की थी। उन्होंने बताया कि वह क्रोनिक किडनी बीमारी (Chronic Kidney Disease) के अलावा अन्य रोगों से भी जूझ रहे हैं। जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई (Justice Anuja Prabhudesai) की एकल पीठ ने मलिक की याचिका को खारीज कर दी। कोर्ट मे कहा कि दो सप्ताह के बाद योग्यता के आधार पर जमानत की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
मलिक के वकील अमित देसाई (Advocate Amit Desai) ने कहा कि पिछले आठ महीने से मलिक की हालत बिगड़ती जा रही है, वह किडनी की बीमारी के स्टेज 2 से स्टेज 3 के बीच हैं। उन्होंने अदालत से अनुरोध करते हुए कहा कि मलिक को अगर इसी परिस्थिति में रखा जाएगा तो उनके लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है। ईडी (ED) की तरफ से सॉलीसिटर जनरल अनिल सिंह (Solicitor General Anil Singh) ने मलिक की जमानत का विरोध करते हुए बताया कि उन्हें उनके पसंद के अस्पताल में रखा गया है और वहां उनका इलाज जारी है।