नई दिल्ली। यूपी के मऊ से बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सोमवार को लोकसभा से सदस्यता रद्द कर दी गई है। बता दें कि शनिवार को उन्हें गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के 56 घंटे बाद उनकी सांसदी चली गई।
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अफजाल के भाई माफिया मुख्तार अंसारी को भी गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। मुख्तार पर 5 लाख और अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना कोर्ट ने लगा था। मुख्तार पहले से ही बांदा जेल में बंद है। इससे पहले तक सांसद अफजाल जमानत पर था।
2007 में दर्ज हुआ था गैंगस्टर का केस
अंसारी भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या के दो साल बाद दर्ज किया गया था। केस में राय की हत्या के बाद हुई आगजनी और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी भाइयों को बरी कर चुका है। लेकिन, गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा है।
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23 सितंबर 2022 को दोनों भाई पर गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था। हालांकि, जज के छुट्टी पर जाने से सुनवाई टल गई थी।
हाईकोर्ट से मिला झटका
पिछले दिनों अफजाल अंसारी ने कहा था कि हम पर हत्या का जो केस लगाया था उसमें कोर्ट बरी कर चुका है। ऐसे में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट पर भरोसा है। बता दें कि हत्या से बरी होने की बात को आधार बनाते हुए अफजाल गैंगस्टर केस के खिलाफ हाईकोर्ट गया था। हालांकि, वहां झटका ही लगा।