नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) बच्चों की हेल्दी लाइफ स्टाइल (Healthy Lifestyle) को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई (CBSE) ने इस संबंध अब सभी स्कूलों में अब ‘ऑयल बोर्ड’ (Oil Boards) लगाने का सर्कुलर जारी किया है, जिसमें स्कूल प्रमुखों और प्रिंंसिपलों के लिए दिशा- निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले सीबीएसई स्कूलों (CBSE Schools) में शुगर बोर्ड लगाने की पहल की गई थी। आइए जानते हैं कि सीबीएसई स्कूलों में ऑयल बोर्ड (Oil Boards) लगाने का फैसला क्यों लिया गया है? स्कूलों में लगाए जाने वाले ऑयल बोर्ड में बच्चाें को क्या निर्देश दिए जाएंगे?
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बच्चों को खाद्य तेलों की मात्रा के बारे में बताया जाएगा
सीबीएसई स्कूलों (CBSE Schools) में ऑयल बोर्ड (Oil Boards) लगाने का मुख्य मकसद बच्चों को खाद्य तेलों के उपयोग की मात्रा के बारे में जागरूक करना है। सीबीएसई (CBSE) ने इस संबंध का फैसला स्कूली बच्चों में बढ़ती मोटापे की समस्या को देखकर लिया है। इस संबंध में सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों के प्रिंसिपल के लिए निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि स्कूल कॉमन एरिया में डिजिटल समेत अन्य पोस्टर वाले बोर्ड लगाएं, जिसमें खाद्य तेलों के अधिक उपभोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाए।
सरकारी दस्तावेजों पर हेल्दी लाइफ का संदेश
सीबीएसई (CBSE) ने संबद्ध स्कूलों के प्रिंसिपलों को निर्देशित किया है कि वह सभी सरकारी दस्तावेजों, नोटपेड, लेटरहेड समेत अन्य दस्तावेजों में हेल्दी लाइफ स्टाइल (Healthy Lifestyle) से जुड़ा संदेश प्रिंट कराएं। इससे मोटापे के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
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बच्चाें को सीढ़ियां चढ़ने के लिए कहें
सीबीएसई (CBSE) ने अपने निर्देश में कहा है कि स्कूलों को चाहिए कि वह बच्चों को सीढ़ियां चढ़ने, पैदल चलने के लिए प्रेरित करें। तो वहीं स्कूली बच्चों के बीच स्वस्थ भोजन और व्यायाम को बढ़ावा देने, जंक फूड कम करने और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने का निर्देश सीबीएसई ने दिया है।
शुगर बोर्ड लगा चुके हैं स्कूल
पीएम मोदी (PM Modi) इससे पहले अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोटापे का जिक्र कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने बच्चों में बढ़ती मोटोपे की समस्या का जिक्र करते हुए स्कूलों में शुगर बोर्ड लगाने का निर्देश दिया था। इस पर अमल करते हुए सीबीएसई स्कूलों (CBSE Schools) में इन दिनों शुगर बोर्ड लगाएं जा रहे हैं, जिसमें चीनी के उपयोग के बारे में बताया जा रहा है।
2050 तक 44.90 करोड़ मोटापे से ग्रसित
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सीबीएसई (CBSE) ने स्कूलों में ऑयल और शुगर बोर्ड लगाने के लिए बच्चों में बढ़ते मोटापे का हवाला दिया है। इसके लिए सीबीएसई ने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) -5 2019-20 और लेंसट जीबीडी 2021 की रिपोर्ट का जिक्र किया है। NFHS में कहा गया है कि देश में मोटापा बढ़ रहा है और पांच लोगों में से एक मोटापे से ग्रसित है। वहीं लेंसट की रिपोर्ट, जो साल 2025 में प्रकाशित हुई है, उसमें कहा गया है कि साल 2021 में भारत में 18 करोड़ लोग मोटापे से ग्रसित थे। इसी अनुपात में साल 2050 तक भारत 44.90 करोड़ लोग मोटापे से ग्रसित होंगे।